आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जेफ्री एप्सटीन मामले में पारदर्शिता की मांगों को खारिज करते हुए इसे “डेमोक्रेट होक्स” करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह मुद्दा उनके राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका की सफलता से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है। सीएनएन के अनुसार, पत्रकारों से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “यह पूरी तरह से डेमोक्रेट्स का झूठ है. वे लोगों को ऐसी चीज़ों पर बात करने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जिसका देश की प्रगति से कोई लेना-देना नहीं है.
यह बयान उस समय आया है जब अमेरिकी कांग्रेस में एप्सटीन केस की पूरी फाइल सार्वजनिक करने की मांग तेज़ हो रही है। एप्सटीन के कई पीड़ितों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार इस जानकारी को सार्वजनिक नहीं करती तो वे खुद एप्सटीन नेटवर्क के कथित दुराचारियों की सूची तैयार करेंगे. पीड़िता लिसा फिलिप्स ने अमेरिकी मीडिया से कहा, “यह काम पीड़ितों द्वारा और पीड़ितों के लिए किया जाएगा. इसमें कोई और शामिल नहीं होगा.
कैपिटल हिल में यह मांग दो स्तरों पर बढ़ रही है. अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेज़ेंटेटिव्स के स्पीकर माइक जॉनसन ने भरोसा दिलाया है कि हाउस ओवरसाइट कमेटी की जांच “ऐसी चीजें उजागर करेगी जो पहले कभी उजागर नहीं हुईं.” हालांकि आलोचकों का मानना है कि यह जांच पहले से सार्वजनिक जानकारी से आगे शायद बहुत कुछ नया सामने नहीं लाएगी.
इसी बीच रिपब्लिकन सांसद थॉमस मैसी (केंटकी) और डेमोक्रेट सांसद रो खन्ना (कैलिफ़ोर्निया) ने एक द्विदलीय विधेयक पेश किया है, जिसका उद्देश्य एप्सटीन की पूरी फाइल को सार्वजनिक कराना है. मैसी इस प्रस्ताव पर हाउस फ्लोर में वोट कराने के लिए “डिस्चार्ज पिटीशन” का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके लिए 218 हस्ताक्षरों की ज़रूरत है.
मैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, “हमारे पास डिस्चार्ज पिटीशन पर 214 हस्ताक्षर हो चुके हैं। मुझे 99% यक़ीन है कि हम 218 तक पहुंच जाएंगे। उस वक़्त स्पीकर जॉनसन नियम बदलने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन नियम समिति की अध्यक्ष ने कहा है कि वह ऐसा नहीं होने देंगी.
सीएनएन ने बताया कि अब तक केवल चार रिपब्लिकन — थॉमस मैसी, मार्जोरी टेलर ग्रीन, लॉरेन बोएबर्ट और नैन्सी मेस — ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं। पीड़ितों और सांसदों का कहना है कि अगर वही लोग खुद यह सूची सार्वजनिक करते हैं तो उन्हें “मुकदमों में घसीट कर बेघर” करने का ख़तरा है.