आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत ने शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया कि भारत चीन के करीब जा रहा है.
भारत ने हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो की रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए नयी दिल्ली पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को ‘‘गलत और भ्रामक’’ बताते हुए खारिज कर दिया.
ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, ‘‘लगता है हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है। साथ में उनका भविष्य दीर्घकालिक और समृद्ध हो.!’’
सोशल मीडिया पर ट्रंप का यह पोस्ट ऐसे समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले चीन के शहर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच गर्मजोशी से हुई बातचीत ने विश्व का ध्यान आकर्षित किया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस वार्ता में ट्रंप की पोस्ट को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया.
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, ‘‘इस समय इस पोस्ट पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी है.’
जायसवाल ने हालांकि पिछले कुछ दिनों में भारत पर नवारो की आपत्तिजनक टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज कर दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने नवारो द्वारा दिए गए गलत और भ्रामक बयानों को देखा है और हम उन्हें स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं.
पिछले सप्ताह, नवारो ने भारत पर ‘‘क्रेमलिन के लिए तेल धन शोधन केन्द्र’’ होने का आरोप लगाया था। भारत रूसी हथियार खरीदना जारी रखे हुए है, जबकि उसने अमेरिकी रक्षा कम्पनियों से संवेदनशील सैन्य प्रौद्योगिकियों को स्थानांतरित करने और भारत में विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने का आग्रह किया था.
जायसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका व्यापार से जुड़े मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका और भारत के बीच संबंध हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। दोनों देश एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं, जो हमारे साझा हितों, लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के बीच मजबूत संबंधों पर आधारित है. बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है.