वाशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नए कार्यकारी आदेश के तहत हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए अमेरिका आने वाले लगभग सभी विदेशी छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह कदम हार्वर्ड के खिलाफ चल रही प्रशासनिक लड़ाई का नया अध्याय है, जहां अंतरराष्ट्रीय छात्र विश्वविद्यालय की कुल छात्र संख्या का लगभग 25% हैं।
बुधवार को हस्ताक्षरित आदेश में ट्रंप ने कहा कि हार्वर्ड को विदेशी छात्रों की मेजबानी करने देना “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा” है। आदेश में कहा गया:“मेरे आकलन में हार्वर्ड का व्यवहार उसे विदेशी छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए अनुपयुक्त गंतव्य बनाता है।”
ट्रंप ने एक व्यापक संघीय कानून का हवाला दिया, जो राष्ट्रपति को अधिकार देता है कि वे किसी भी विदेशी को अमेरिका में प्रवेश से रोक सकते हैं यदि वह “अमेरिका के हितों के लिए हानिकारक” हो। इसी प्रावधान का उपयोग कर ट्रंप ने हाल ही में 12 देशों के नागरिकों पर प्रतिबंध लगाया है और 7 अन्य देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने बुधवार रात एक बयान में कहा:“यह प्रशासन की ओर से लिया गया एक और गैरकानूनी और प्रतिशोधात्मक फैसला है, जो विश्वविद्यालय के पहले संशोधन के अधिकारों का उल्लंघन करता है।”
हार्वर्ड ने कहा कि वह अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा करना जारी रखेगा।
यह आदेश उस लंबी तनातनी की अगली कड़ी है, जो तब शुरू हुई जब अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने हार्वर्ड से विदेशी छात्रों से जुड़ी कुछ अनुशासनात्मक शिकायतों पर दस्तावेज़ मांगे थे। विश्वविद्यालय ने आंशिक जानकारी दी, जिसे सरकार ने अपर्याप्त बताया।
ट्रंप प्रशासन पहले ही हार्वर्ड पर
2.6 अरब डॉलर से अधिक की रिसर्च फंडिंग रोक चुका है
और सभी संघीय अनुबंधों को समाप्त करने की कोशिश कर चुका है।
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने कहा:“अमेरिका की किसी विशिष्ट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना अधिकार नहीं, बल्कि एक विशेषाधिकार है। राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता के मद्देनजर हार्वर्ड के लिए यह प्रतिबंध उचित है।”
वहीं डेमोक्रेट सांसद प्रमिला जयपाल ने इस आदेश को "बदले की भावना से उठाया गया कदम" करार दिया। उन्होंने कहा:“यह ट्रंप और हार्वर्ड के बीच निजी टकराव का परिणाम है, न कि कोई सुरक्षा संबंधी निर्णय। यह स्वतंत्र अभिव्यक्ति पर हमला है।”
यह प्रतिबंध आदेश की तारीख के बाद हार्वर्ड आने की योजना बना रहे सभी विदेशी छात्रों पर लागू होगा।
“राष्ट्रीय हित” में योगदान देने वाले छात्रों को विशेष अनुमति दी जा सकती है।
पहले से मौजूद विदेशी छात्रों के वीज़ा की समीक्षा विदेश मंत्री मार्को रुबियो करेंगे।
यह आदेश 6 महीने तक लागू रहेगा और 90 दिनों में समीक्षा की जाएगी कि इसे बढ़ाया जाए या नहीं।
ट्रंप प्रशासन और हार्वर्ड के बीच यह टकराव अब केवल नीति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह अमेरिका में शैक्षणिक स्वतंत्रता, आप्रवासन नीति और लोकतांत्रिक संस्थाओं की भूमिका पर एक बड़ी बहस में बदल चुका है। हार्वर्ड के लिए यह कदम एक सीधी चुनौती है, और इसके प्रभाव व्यापक स्तर पर अमेरिकी उच्च शिक्षा संस्थानों पर भी पड़ सकते हैं।