ट्रंप-चिनफिंग बातचीत के बाद अमेरिका, चीन व्यापार वार्ता बहाल करने को तैयार

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 05-06-2025
US, China ready to resume trade talks after Trump-Xi Jinping talks
US, China ready to resume trade talks after Trump-Xi Jinping talks

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली 

 
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बातचीत के बाद कहा कि दोनों देश सीमा शुल्क एवं दुर्लभ खनिजों की वैश्विक आपूर्ति पर बना गतिरोध खत्म करने के लिए व्यापार वार्ता दोबारा शुरू करेंगे. 
 
ट्रंप के दूसरा कार्यकाल संभालने के बाद से चिनफिंग के साथ यह उनकी पहली बातचीत थी. इसके पहले दोनों नेताओं के बीच बातचीत जनवरी में ट्रंप के शपथ ग्रहण के पहले हुई थी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में व्यापार वार्ता के संदर्भ में कहा, "हमारी संबंधित टीमें जल्द ही निर्धारित स्थान पर मिलेंगी. इस वार्ता में वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट, वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमिसन ग्रीर वार्ता में अमेरिकी पक्ष का प्रतिनिधित्व करेंगे. अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता 12 मई को दोनों देशों के बीच शुल्क दरों को कम करने के समझौते के तुरंत बाद कुछ समय के लिए रुक गई थी. हालांकि अन्य मुद्दों पर वार्ता जारी रही.
 
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि चिनफिंग ने उन्हें और प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप को चीन आने के लिए 'विनम्रतापूर्वक' आमंत्रित किया। इसके जवाब में ट्ंरप ने भी चिनफिंग को अमेरिका आने का न्योता दिया. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं के बीच टेलीफोन बातचीत की पहल ट्रंप ने की थी. ​​चीन की सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' ने एक रिपोर्ट में कहा कि चिनफिंग ने ट्रंप से चीन के खिलाफ अमेरिका द्वारा उठाए गए "नकारात्मक उपायों को उलटने" के लिए कहा.
 
शिन्हुआ के मुताबिक, ट्रंप ने चिनफिंग से कहा कि चीनी छात्रों का अमेरिका में अध्ययन करने के लिए स्वागत है, हालांकि उनका प्रशासन कुछ वीजा रद्द करने के लिए प्रतिबद्ध है. ट्रंप ने एक दिन पहले कहा था कि चिनफिंग के साथ किसी समझौते पर पहुंच पाना मुश्किल है. राष्ट्रपति ने बुधवार को अपनी एक पोस्ट में कहा था, ‘‘मैं चीन के राष्ट्रपति शी को हमेशा पसंद करता हूं, करता रहा हूं और हमेशा करता रहूंगा। लेकिन वह बहुत सख्त हैं और उनके साथ कोई समझौता कर पाना बेहद मुश्किल है.
 
अमेरिका चीन पर महत्वपूर्ण खनिजों का निर्यात न करने का आरोप लगाता है। वहीं चीनी सरकार को अमेरिका द्वारा उन्नत चिप की बिक्री को प्रतिबंधित करने एवं कॉलेज और स्नातक छात्रों के लिए छात्र वीजा तक पहुंच को प्रतिबंधित करने जैसे फैसलों पर आपत्ति है. ट्रंप ने बातचीत की अनुमति देने के लिए चीनी वस्तुओं पर शुल्क को 145 प्रतिशत से 90 दिनों के लिए घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया है। चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क को 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है. दोनों देशों के बीच शुल्क को लेकर इस घट-बढ़ के कारण वैश्विक बाजारों में तेज उतार-चढ़ाव आया है. इससे दोनों देशों के बीच व्यापार में बाधा उत्पन्न होने का खतरा भी पैदा हो गया है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2024 में चीन के साथ अमेरिका का व्यापार असंतुलन 295 अरब डॉलर का था.