वाशिंगटन
अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने जुलाई से सितंबर 2025 की तिमाही में 4.3 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज की है, जो पिछले दो वर्षों में सबसे तेज़ मानी जा रही है। उपभोक्ता खर्च, सरकारी व्यय और निर्यात में मजबूती के चलते यह बढ़ोतरी बाजार के अनुमानों से कहीं अधिक रही।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की यह वृद्धि अप्रैल-जून तिमाही की 3.8 प्रतिशत दर से भी तेज है। विश्लेषकों ने इस अवधि के लिए करीब तीन प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था, लेकिन वास्तविक आंकड़े इससे काफी ऊपर निकले।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा उपभोक्ता खर्च पर आधारित है, जो इस तिमाही में बढ़कर 3.5 प्रतिशत तक पहुंच गया। इसके अलावा, सरकारी उपभोग और निवेश में 2.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिसे राज्य और स्थानीय सरकारों के खर्च के साथ-साथ संघीय रक्षा व्यय से समर्थन मिला।
निर्यात के मोर्चे पर भी अमेरिका को मजबूती मिली। जुलाई-सितंबर तिमाही में निर्यात 8.8 प्रतिशत बढ़ा, जबकि आयात में 4.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इससे कुल आर्थिक वृद्धि को अतिरिक्त सहारा मिला।
हालांकि, सभी संकेतक सकारात्मक नहीं रहे। निजी व्यवसाय निवेश में इस अवधि के दौरान 0.3 प्रतिशत की हल्की गिरावट आई। फिर भी, यह अप्रैल-जून तिमाही में आई 13.8 प्रतिशत की तेज गिरावट की तुलना में कहीं बेहतर स्थिति मानी जा रही है।
महंगाई को लेकर रिपोर्ट में चिंता भी जताई गई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व का पसंदीदा महंगाई संकेतक, निजी उपभोग व्यय (पीसीई) सूचकांक, सितंबर तिमाही में बढ़कर 2.8 प्रतिशत हो गया, जबकि जून तिमाही में यह 2.1 प्रतिशत था। यह दर अभी भी फेड की वांछित सीमा से ऊपर बनी हुई है।
इसके बावजूद, श्रम बाजार में कमजोरी के संकेतों को देखते हुए अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने 2025 के अंत तक लगातार तीन बार ब्याज दरों में कटौती की है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में 64 हजार नई नौकरियां जुड़ीं, जबकि अक्टूबर में रोजगार में 1.05 लाख की गिरावट दर्ज की गई थी। वहीं, बेरोजगारी दर बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गई, जो 2021 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
कुल मिलाकर, ताजा आंकड़े अमेरिकी अर्थव्यवस्था की मजबूत गति को दर्शाते हैं, हालांकि महंगाई और रोजगार से जुड़े जोखिम अभी भी नीति निर्माताओं के लिए चुनौती बने हुए हैं।






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