संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय/ न्यूयॉर्क
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गुरुवार को इराक के पूर्व राष्ट्रपति बरहम सालेह को संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) का अगला प्रमुख नियुक्त करने की मंजूरी दे दी। वे लगभग पाँच दशकों में इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त होने वाले मध्य पूर्व के पहले नेता हैं। महासभा के 193 सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से उनके नाम को मंजूरी दी।
65 वर्षीय कुर्द नेता बरहम सालेह को महासभा अध्यक्ष एनालेना बेयरबॉक ने औपचारिक रूप से हथौड़ा बजाकर संयुक्त राष्ट्र का उच्चायुक्त (High Commissioner for Refugees) घोषित किया। उनके चुनाव की घोषणा होते ही सभा कक्ष में मौजूद राजनयिकों ने तालियों के साथ उनका स्वागत किया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस, जो स्वयं पहले UNHCR के प्रमुख रह चुके हैं, ने इस पद के लिए सालेह के नाम की सिफारिश की थी। गुतारेस ने कहा कि बरहम सालेह अपने साथ “उच्च स्तरीय कूटनीतिक, राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव” लेकर आ रहे हैं। उन्होंने उन्हें “एक पूर्व शरणार्थी, संकट वार्ताकार और राष्ट्रीय सुधारों के सूत्रधार” के रूप में वर्णित किया।
बरहम सालेह का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। वर्ष 1979 में, मात्र 19 वर्ष की उम्र में, उन्हें इराक के तत्कालीन शासक सद्दाम हुसैन की बाथ पार्टी ने कुर्द राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े होने के आरोप में दो बार गिरफ्तार किया था। उन्होंने 43 दिन हिरासत में बिताए। रिहा होने के बाद वे उत्पीड़न से बचने के लिए ब्रिटेन चले गए।
2003 में सद्दाम हुसैन के सत्ता से हटने के बाद सालेह इराक लौटे और सरकार में कई अहम पदों पर रहे। वे 2018 से 2022 तक इराक के राष्ट्रपति रहे, जब देश इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंक से उबर रहा था।
बरहम सालेह, लंबे समय से UNHCR से जुड़े फिलिपो ग्रांदी का स्थान लेंगे, जिनका दूसरा कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। सालेह का पाँच वर्षीय कार्यकाल 1 जनवरी से शुरू होगा।
उन्होंने अपने चुनाव के बाद बयान में कहा कि एक शरणार्थी के रूप में उनका अनुभव “सहानुभूति, व्यावहारिकता और अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध नेतृत्व” को आकार देगा। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड स्तर पर विस्थापन और फंडिंग संकट के दौर में दुनिया के शरणार्थियों की मदद के लिए जवाबदेही, प्रभावशीलता और दक्षता पर नए सिरे से ध्यान देना जरूरी है।