ब्रसेल्स
यूरोपीय संघ (EU) ने दक्षिण अमेरिकी व्यापारिक ब्लॉक मर्कोसुर के साथ प्रस्तावित विशाल मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर को फिलहाल टाल दिया है। यूरोपीय आयोग ने पुष्टि की है कि अब इस समझौते पर जनवरी में विचार किया जाएगा। यह फैसला यूरोप भर में किसानों के तीव्र विरोध और अंतिम समय में फ्रांस व इटली की आपत्तियों के बाद लिया गया है।
यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारी इस सप्ताह ब्राज़ील में समझौते पर हस्ताक्षर की उम्मीद कर रहे थे। यह समझौता 26 वर्षों की लंबी बातचीत के बाद अंतिम चरण में पहुँचा था। इसके तहत यूरोपीय संघ और मर्कोसुर देशों—ब्राज़ील, अर्जेंटीना, उरुग्वे, पराग्वे और बोलीविया—के बीच लगभग सभी वस्तुओं पर शुल्क धीरे-धीरे हटाया जाना था। समझौते से करीब 78 करोड़ लोगों का बाजार और वैश्विक जीडीपी का एक-चौथाई हिस्सा जुड़ जाता।
हालांकि, फ्रांस के नेतृत्व में कई यूरोपीय देशों ने चिंता जताई कि यह समझौता यूरोपीय किसानों की आजीविका को नुकसान पहुँचा सकता है। गुरुवार को ब्रसेल्स में किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ सड़कों को जाम किया, टायर जलाए और यूरोपीय संस्थानों के बाहर प्रदर्शन किया। हालात बिगड़ने पर पुलिस को आँसू गैस और वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि किसानों पर पहले ही भारी दबाव है और उन्हें इस समझौते की “कुर्बानी” नहीं दी जा सकती। वहीं इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि पर्याप्त सुरक्षा गारंटी के बिना समझौते पर हस्ताक्षर करना जल्दबाज़ी होगी।
यूरोपीय आयोग प्रमुख उर्सुला फॉन डेर लायन समझौते के पक्ष में हैं, लेकिन उन्हें सदस्य देशों के दो-तिहाई समर्थन की आवश्यकता है। इटली के विरोध से फ्रांस को समझौता रोकने का मौका मिल गया।
दूसरी ओर, दक्षिण अमेरिका में देरी को लेकर असंतोष है। ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने कहा कि यह समझौता बहुपक्षीय व्यापार को मज़बूती देगा और अमेरिका व चीन के दबदबे के बीच संतुलन बनाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह देरी वैश्विक व्यापार वार्ताओं में यूरोपीय संघ की विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकती है।