तोक्यो,
जापान में दुनिया के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र को फिर से चालू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। निगाता प्रांत के गवर्नर हिदेयो हानाजुमी ने मंगलवार को काशिवाज़ाकी-कारीवा परमाणु ऊर्जा संयंत्र के दो रिएक्टरों को दोबारा शुरू करने के लिए स्थानीय स्तर पर मंजूरी दे दी। इसके साथ ही 2011 की फुकुशिमा परमाणु आपदा के बाद एक दशक से अधिक समय से बंद पड़े इस संयंत्र के पुनः संचालन की अंतिम बड़ी बाधा भी दूर हो गई है।
गवर्नर हानाजुमी ने अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्री रयोसेई अकाजावा के साथ बैठक के बाद संयंत्र के छठे और सातवें रिएक्टर को फिर से चालू करने के लिए प्रांत का समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों की सुरक्षा, आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था और स्थानीय समुदाय को आश्वस्त करने के लिए ठोस प्रतिबद्धता दिखाई है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया।
जानकारी के मुताबिक, छठे रिएक्टर को दोबारा चालू करने की तैयारियां तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। बिजली कंपनी टीईपीसीओ इस सप्ताह के अंत तक परमाणु सुरक्षा प्राधिकरण के पास अंतिम सुरक्षा निरीक्षण के लिए आवेदन कर सकती है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो जनवरी में रिएक्टर को फिर से शुरू किया जा सकता है। वहीं, सातवें रिएक्टर के संचालन में अभी कुछ और साल लगने की संभावना है।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है, जब निगाता प्रांतीय विधानसभा ने एक दिन पहले ही ऐसा बजट पारित किया था, जिसमें संयंत्र की पुनः शुरुआत के लिए जरूरी धनराशि शामिल है। गवर्नर ने स्वीकार किया कि यह फैसला आसान नहीं था। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “यह एक कठिन और गंभीर निर्णय था, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में जरूरी भी है।”
गौरतलब है कि 2011 में भूकंप और सुनामी के कारण फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में हुई भीषण दुर्घटना के बाद जापान ने परमाणु ऊर्जा को धीरे-धीरे समाप्त करने की योजना बनाई थी। हालांकि, वैश्विक ईंधन संकट, बढ़ती ऊर्जा कीमतों और कार्बन उत्सर्जन कम करने के दबाव के चलते सरकार ने अपनी नीति बदली है। अब जापान एक बार फिर परमाणु ऊर्जा पर भरोसा बढ़ाते हुए रिएक्टरों को दोबारा चालू करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।






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