पेरिस में सीरिया-इज़राइल वार्ता, अमेरिका ने कोशिशों को दी गति

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 20-08-2025
Syria-Israel talks in Paris, US speeds up normalization efforts
Syria-Israel talks in Paris, US speeds up normalization efforts

 

बेरूत, 20 अगस्त (एपी)।
सीरिया के विदेश मंत्री ने मंगलवार को पेरिस में इज़राइली प्रतिनिधिमंडल से सीधी मुलाकात की। यह वार्ता अमेरिका की मध्यस्थता से हुई, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच तनाव कम करना और रिश्तों को सामान्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ाना है।

सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी साना ने बताया कि विदेश मंत्री असअद अल-शिबानी और इज़राइली अधिकारियों ने 1974 की युद्धविराम संधि को बहाल करने और सीमा पर शांति बनाए रखने के उपायों पर चर्चा की। इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच एक असैन्य क्षेत्र बनाया गया था और संयुक्त राष्ट्र शांति बल की तैनाती की गई थी।

हालाँकि बैठक के नतीजों पर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई, लेकिन ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मुलाकात की पुष्टि की और कहा,
“अमेरिका ऐसे हर प्रयास का समर्थन करता है जो इज़राइल और उसके पड़ोसियों के बीच स्थायी शांति ला सके। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की परिकल्पना एक समृद्ध और स्थिर मध्य पूर्व की है, जिसमें सीरिया भी अपने पड़ोसियों के साथ शांति में हो।”

सामान्यीकरण की लंबी राह

यह पहली बार है जब सीरिया ने इज़राइल के साथ प्रत्यक्ष वार्ता की पुष्टि की है। इससे पहले केवल परोक्ष बातचीत की खबरें सामने आई थीं। इज़राइल की ओर से बैठक की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

पिछले वर्ष दिसंबर में राष्ट्रपति बशर अल-असद के इस्लामी विद्रोहियों द्वारा सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव तेजी से बढ़ा है।
असद के पतन के बाद इज़राइली सेना ने 1974 की संधि के तहत स्थापित बफर ज़ोन पर कब्ज़ा कर लिया और दक्षिणी दमिश्क में कई सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए।

इज़राइल ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी सीमा पर किसी शत्रुतापूर्ण ताकत को स्थापित नहीं होने देगा। उसे नए सीरियाई नेतृत्व पर भी भरोसा नहीं है, जिसकी कमान पूर्व अल-कायदा कमांडर अहमद अल-शरा के हाथ में है। शरा ने हालांकि कट्टरपंथी संगठनों से नाता तोड़कर अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करने का वादा किया है, लेकिन देश में कई बार सांप्रदायिक हिंसा भड़क चुकी है।

द्रूज़ समुदाय और सांप्रदायिक टकराव

पिछले महीने सीरिया के स्वैदा प्रांत में सरकारी बलों और बेदुइन कबीलों के बीच संघर्ष छिड़ गया, जिसमें द्रूज़ समुदाय भी हिंसा की चपेट में आया।
सूत्रों के मुताबिक, सरकारी बलों ने द्रूज़ नागरिकों और एक अमेरिकी नागरिक की हत्या कर दी। वीडियो में द्रूज़ धर्मगुरुओं के साथ बदसलूकी और उनके धार्मिक प्रतीकों का अपमान भी सामने आया है।

इस हिंसा के बाद इज़राइल ने द्रूज़ की सुरक्षा के नाम पर सीरियाई बलों पर कई हवाई हमले किए और दमिश्क में रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय को निशाना बनाया।

इज़राइल द्रूज़ समुदाय को अपने देश में एक वफादार अल्पसंख्यक मानता है, जिनमें से कई सेना में सेवा करते हैं। यही वजह है कि उसने खुले तौर पर उनकी रक्षा के लिए कार्रवाई की।

अमेरिकी दूत की सक्रियता

अमेरिकी दूत टॉम बैरक ने मंगलवार को इज़राइल के द्रूज़ आध्यात्मिक नेता मोअफक तरीफ़ से मुलाकात की। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि दोनों के बीच “गर्मजोशी और उपयोगी बातचीत” हुई, जिसमें तनाव कम करने और मानवीय सहायता पहुँचाने पर चर्चा हुई।

तरीफ़ ने अमेरिकी मदद से स्वैदा की नाकाबंदी खत्म करने, अपहृत द्रूज़ नागरिकों की रिहाई और उनकी सुरक्षा की गारंटी की मांग की।

हालाँकि संघर्ष थम चुका है, लेकिन स्वैदा शहर अब भी सीरियाई सेना की घेराबंदी में है और स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें बेहद कम राहत सामग्री मिल रही है।

दिलचस्प यह है कि ऐतिहासिक रूप से इज़राइल से दूरी बनाए रखने वाले द्रूज़ अब खुलकर उसकी मदद की वकालत कर रहे हैं। पिछले सप्ताहांत स्वैदा में सैकड़ों लोगों ने आत्मनिर्णय का अधिकार माँगते हुए प्रदर्शन किया, जिनमें कुछ ने इज़राइली झंडे भी लहराए।

इन तस्वीरों और वीडियोज़ ने सोशल मीडिया पर भारी विवाद खड़ा कर दिया और कई अन्य सीरियाई नागरिकों ने प्रदर्शनकारियों को “गद्दार” कहा।