सर्वे रिपोर्टः मंहगाई-आर्थिक तंगी से हलकान पाकिस्तानी कर्जे लेकर चला रहे काम

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 21-10-2021
मंहगाई-आर्थिक तंगी से हलकान पाकिस्तानी कर्जे लेकर चला रहे काम
मंहगाई-आर्थिक तंगी से हलकान पाकिस्तानी कर्जे लेकर चला रहे काम

 

आवाज द वाॅयस /कराची
 
पाकिस्तान की एक एजेंसी के सर्वे से चैकाने वाले परिणाम सामने आए हैं. आसमान छूती महंगाई और पाताल में जाती आर्थिक स्थिति के चलते पाकिस्तानियों को घर चलाने के लिए हर महीने कर्ज लेना पड़ रहा है.  एक आंकड़े के अनुसार, पाकिस्तान की जनता की शिकायत है कि जुलाई 2021 में 59 फीसदी, अक्टूबर 2021 में 68 फीसदी जरूरतेें पूरी नहीं हो सकीं. विवरण के मुताबिक, महंगाई और आर्थिक दिक्कतों के चलते पाकिस्तानी जनता खर्च बढ़ने की शिकायत कर रही है.
 
पाकिस्तान के अखबार जंग की एक खबर के अनुसार,जुलाई 2021 में 59 प्रतिशत पाकिस्तानियों ने कहा कि उनका खर्चा पूरा नहीं हो सका. अक्टूबर 2021 ऐसी शिकायतें करने वालों का प्रतिशत 68 तक पहुंच गया. मौजूदा आय में खर्चा पूरा करने की बात कहने वालों की दर में भी 9 फीसदी की कमी आई है.
 
जुलाई 2021 में, 41 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि वे अपनी आय में खर्चों को पूरा करते हैं, लेकिन अब उनकी संख्या घटकर 32 प्रतिशत हो गई है.प्लस कंसल्टेंट की सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आई है, जिसमें देशभर से 1800 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया.
 
यह सर्वेक्षण 4 अक्टूबर से 11 अक्टूबर, 2021 के बीच किया गया. मौजूदा सर्वे में 68 फीसदी ने कहा कि खर्चे पूरे नहीं हो सके. खैबर पख्तूनख्वा में ऐसा कहने वालों की दर सबसे ज्यादा थी, जो 85 फीसदी थे. इसके बाद पंजाब से 67 फीसदी, सिंध से 64 फीसदी और बलूचिस्तान से 43 फीसदी ने कहा कि उनकी मौजूदा आय में उनके खर्चे शामिल नहीं हैं.
 
विभिन्न सामाजिक और आर्थिक वर्गों के लोगों की राय को देखते हुए पिछड़े वर्ग के 68 प्रतिशत लोगों ने कहा कि खर्चा पूरा नहीं हुआ. निम्न मध्यम वर्ग के 68 प्रतिशत, मध्यम वर्ग के 77प्रतिशत, उच्च मध्यम वर्ग के 59 प्रतिशत, जबकि उच्च वर्ग के 58 प्रतिशत ने कहा कि उनकी मासिक आय पर्याप्त नहीं है.
 
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि खर्चों को पूरा करने में विफलता के कारण, 30 प्रतिशत पाकिस्तानी हर महीने अपने खर्चों को पूरा करने के लिए उधार लेते हैं. केवल 30 प्रतिशत ने कहा कि वे अंशकालिक काम करेंगे, जबकि 37 प्रतिशत ने कहा कि वे लागत में कटौती करेंगे और खर्चों को कवर करेंगे.
 
प्लस कंसल्टेंट सर्वे में, 32 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे खर्चों को कवर करेंगे, उनसे यह भी पूछा गया कि क्या वे पैसे बचाने में सक्षम हैं? जवाब में, 31 प्रतिशत ने कहा कि वे पैसे बचाने में कामयाब रहे, लेकिन 69 फीसदी ने इससे इनकार किया.