पाकिस्तान को झटकाः हिबतुल्ला बोले,अफगान धरती का इस्तेमाल अब पड़ोसी देशों के खिलाफ नहीं होगा

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 20-07-2021
पाकिस्तान को झटकाः हिबतुल्ला बोले,अफगान धरती का इस्तेमाल अब पड़ोसी देशों के खिलाफ  नहीं होगा
पाकिस्तान को झटकाः हिबतुल्ला बोले,अफगान धरती का इस्तेमाल अब पड़ोसी देशों के खिलाफ नहीं होगा

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली

भारत में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ाने एवं आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने के लिए पड़ोसी पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करता रहा है. मगर अब शाययद यह संभव नहीं हो पाए. अफगानिस्तान में तेजी से पैर पसार रहे तालिबानियों ने अब ऐसा नहीं होने देने का भरोसा दिलाया है.
 
तालिबान प्रमुख मावलवी हिबतुल्ला अखुंदजादा ने ईद के अवसर पर अपने संदेश में सभी क्षेत्रीय देशों को आश्वासन दिया है कि तालिबान लड़ाके किसी को भी अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल अपने पड़ोसियों या अन्य देशों के लिए खतरा पैदा करने की अनुमति नहीं देंग. उन्होंने यह बात मीडिया से बातचीत में कही.
 
हिबतुल्लाह ने अपने संदेश में कहा कि विदेशी राजनयिक, दूतावास, वाणिज्य दूतावास, कल्याणकारी संगठन और निवेशक अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.तालिबान उनकी सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा.
 
उन्होंने कहा कि अन्य देशों को तालिबान के हालिया क्षेत्रीय लाभ के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है और वे सामान्य रूप से अपने अभियान चला सकते हैं.
 
रिपोर्ट में कहा गया कि तालिबान नेतृत्व ने अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को ऐसे समय में आश्वासन दिया जब कई वाणिज्य दूतावासों ने कंधार और मजार-ए-शरीफ शहरों से अपने राजनयिकों को निकाल लिया है.
इस बीच संदेश में कहा गया है कि सभी आंतरिक हितधारकों के अधिकारों और वैध मांगों को स्वीकार किया जाएगा. तालिबान देश के पुनर्निर्माण में अफगानों की क्षमता और खुफिया जानकारी का उपयोग करने के लिए तैयार हैं.
 
हिबतुल्ला ने दोहा में तालिबान वार्ता दल को भी शक्तिशाली माना और अफगान सरकार पर शांति वार्ता को आगे बढ़ाने में समय बर्बाद करने का आरोप लगाया.
 
लोगों के सशस्त्र विद्रोह की भी तालिबान ने आलोचना की है, जिसने लोगों को अतीत से सबक सीखने के लिए कहा, और उनसे इस्लामी व्यवस्था स्थापित करने के लिए तालिबान के साथ सहयोग करने का आग्रह किया.
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान नेतृत्व की ओर से यह संदेश ऐसे समय में आया है जब अफगान सरकार और तालिबान प्रतिनिधिमंडल दोहा में युद्धविराम और राजनीतिक व्यवस्था सहित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा में व्यस्त हैं.