आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
म्यांमार में रविवार को एक ही दिन दूसरा भूकंप आया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.2 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार यह भूकंप 60 किलोमीटर की गहराई में दर्ज किया गया.
एनसीएस ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर जानकारी दी, “भूकंप, तीव्रता: 3.2, दिनांक: 28/09/2025, समय: 13:48:41 आईएसटी, अक्षांश: 24.52 N, देशांतर: 94.69 E, गहराई: 60 किमी, स्थान: म्यांमार।”
इससे पहले सुबह 6:25 बजे म्यांमार में 4.0 तीव्रता का एक और भूकंप आया था जिसकी गहराई 10 किलोमीटर रही। यह कम गहराई वाला भूकंप होने के कारण आफ्टरशॉक्स की संभावना बढ़ गई।
एनसीएस ने इस भूकंप की जानकारी देते हुए लिखा, “भूकंप, तीव्रता: 4.0, दिनांक: 28/09/2025, समय: 06:25:33 आईएसटी, अक्षांश: 18.84 N, देशांतर: 96.40 E, गहराई: 10 किमी, स्थान: म्यांमार।”
आमतौर पर कम गहराई वाले भूकंप अधिक खतरनाक माने जाते हैं, क्योंकि इनके भूकंपीय तरंगों को सतह तक पहुंचने में कम समय लगता है जिससे जमीन पर झटके तेज़ महसूस होते हैं और ढांचागत नुकसान व हताहतों की आशंका बढ़ जाती है।
इससे पहले 28 मार्च को म्यांमार के मध्य भाग में 7.7 और 6.4 तीव्रता के भूकंप आए थे। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भूकंप प्रभावित इलाकों में विस्थापित लोगों के लिए तेजी से बढ़ते स्वास्थ्य खतरों—टीबी, एचआईवी, मच्छर-जनित और जल-जनित बीमारियों—को लेकर चेतावनी दी थी।
म्यांमार मध्यम व बड़े पैमाने के भूकंपों और सुनामी जैसी आपदाओं के प्रति संवेदनशील है। यह देश चार प्रमुख टेक्टॉनिक प्लेटों (भारतीय, यूरेशियन, सुंडा और बर्मा प्लेट) के बीच स्थित है जो लगातार सक्रिय भूगर्भीय प्रक्रियाओं से गुजरती हैं।
देश के बीच से होकर 1,400 किलोमीटर लंबी ट्रांसफॉर्म फॉल्ट लाइन गुजरती है जो अंडमान स्प्रेडिंग सेंटर को उत्तर में स्थित टकराव क्षेत्र ‘सगाइंग फॉल्ट’ से जोड़ती है। यही सगाइंग फॉल्ट म्यांमार के सगाइंग, मांडले, बागो और यांगून जैसे क्षेत्रों के लिए भूकंपीय खतरा बढ़ाती है। ये चारों क्षेत्र मिलकर म्यांमार की कुल आबादी के लगभग 46 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं।
यांगून भले ही फॉल्ट लाइन से दूर हो, लेकिन अपनी घनी आबादी के कारण यह भूकंप के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में गिना जाता है। उदाहरण के लिए, 1903 में बागो में 7.0 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था, जिसकी वजह से यांगून भी प्रभावित हुआ था।