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भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कुआलालंपुर में सिंगापुर के रक्षा मंत्री चान चुन सिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक की। यह मुलाकात भारत के प्रमुख रक्षा साझेदारों के साथ संबंधों को और मज़बूत करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
राजनाथ सिंह वर्तमान में मलेशिया में 12वें आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM-Plus) में भाग लेने पहुंचे हैं।इससे पहले दिन में, उन्होंने अमेरिका के युद्ध सचिव पीट हेगसेथ (Pete Hegseth) से भी मुलाकात की। बैठक बेहद रचनात्मक रही, जिसमें प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों नेताओं के बीच एक-से-एक बैठक भी हुई।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में जारी प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और सभी क्षेत्रों में आपसी लाभकारी साझेदारी को और आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई। बैठक में रक्षा उद्योग और तकनीकी सहयोग से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
अमेरिकी युद्ध सचिव ने कहा कि भारत रक्षा सहयोग में अमेरिका के लिए एक प्राथमिकता वाला देश है और दोनों देश एक मुक्त, खुला और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
बैठक के बाद दोनों नेताओं ने ‘भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए रूपरेखा समझौते (Framework for the US-India Major Defence Partnership)’ पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के नए युग की शुरुआत करेगा।
2025 की यह रूपरेखा अगले 10 वर्षों में द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और गहराई देने की दिशा में एक नया अध्याय साबित होगी। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को नीति-आधारित दिशा और साझा दृष्टिकोण प्रदान करना है।
राजनाथ सिंह ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा,“यह समझौता हमारे बढ़ते रणनीतिक सामंजस्य का प्रतीक है और साझेदारी के एक नए दशक की शुरुआत करेगा। रक्षा सहयोग हमारे द्विपक्षीय संबंधों का प्रमुख स्तंभ रहेगा। हमारा यह संबंध एक मुक्त, खुला और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस (ADMM-Plus) का औपचारिक आयोजन 1 नवंबर को किया जाएगा।
