अंकारा
इजराइल पर हमास के हमले की दूसरी बरसी पर मंगलवार को कई देशों में फलस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हुए।हमास के हमले के बाद इजराइल ने गाजा में सैन्य कार्रवाई शुरू की थी, जिसमें अब तक हजारों फलस्तीनी मारे जा चुके हैं।
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में एक हजार से अधिक फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी दूतावास तक मार्च किया और गाजा पर इजराइल की नाकेबंदी तथा पिछले सप्ताह गाजा पहुंचने की कोशिश करने वाले ‘ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला’ के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने की निंदा की।
प्रदर्शनकारियों ने ‘फलस्तीन को आजाद करो’ के नारे लगाए, झंडे लहराए और कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की। साथ ही गाजा में दो साल से जारी इजराइली सैन्य कार्रवाई की भी कड़ी आलोचना की।
हमास के नेतृत्व वाले चरमपंथियों ने सात अक्टूबर 2023 को एक प्रमुख यहूदी पर्व के दौरान किए गए हमले में लगभग 1,200 इजराइली नागरिकों की हत्या कर दी थी और 251 लोगों को बंधक बना लिया था।
जापान में भी फलस्तीनियों समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई की मांग को लेकर टोक्यो में मार्च निकाला। ओसाका और अन्य बड़े शहरों में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए।
ताइवान में फलस्तीन के समर्थन में मोमबत्ती जुलूस का आयोजन किया गया।ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने हमास के हमले की बरसी पर देश के विश्वविद्यालयों में आयोजित फलस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों की आलोचना की और इन्हें ‘ब्रिटिश मूल्यों के खिलाफ’ बताया।
‘द टाइम्स’ अखबार में लिखे अपने लेख में स्टॉर्मर ने चेतावनी दी कि इस तरह के प्रदर्शनों से नफरत फैल सकती है।