वाशिंगटन. पूर्वी तुर्किस्तान के राष्ट्रीय शोक दिवस के उपलक्ष्य में वाशिंगटन सहित दुनिया भर के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने चीन के ‘शिनजियांग में उइगुर मुस्लिमों के चल रहे नरसंहार और उपनिवेशीकरण’ के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया.
इस्तांबुल, द हेग, वाशिंगटन, डीसी और एडमोंटन में बुधवार दोपहर को ईस्ट तुर्किस्तान गवर्नमेंट इन एक्साइल और ईस्ट तुर्किस्तान नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट द्वारा विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए थे. ईटीजीई के एक बयान में कहा गया है, ‘आज से बहत्तर साल पहले, 22दिसंबर, 1949को, स्वतंत्र पूर्वी तुर्किस्तान गणराज्य को चीन के जनवादी गणराज्य द्वारा उखाड़ फेंका गया था, जिसके परिणामस्वरूप पूर्वी तुर्किस्तान का औपचारिक रूप से चीन में विलय हो गया था.’
प्रदर्शनकारियों ने अपनी मेजबान सरकारों से उइगर, कजाख, किर्गिज और अन्य तुर्क लोगों के चीन के चल रहे नरसंहार के खिलाफ और अधिक निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया.
उन्होंने अपनी मेजबान सरकारों से पूर्वी तुर्किस्तान शरणार्थी स्थिति और शरण में चीन के नरसंहार से भागे उइगर और अन्य तुर्क लोगों को अनुदान देने का भी आग्रह किया.
नीदरलैंड में उइगरों ने डच सरकार से अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) में चीन के खिलाफ पूर्वी तुर्किस्तान के मामले का समर्थन करने का आग्रह किया, यह आह्वान संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में उइगरों द्वारा भी प्रतिध्वनित किया गया था.
उइगर मुसलमानों को सामूहिक निरोध शिविरों में भेजकर, उनकी धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करके और समुदाय के सदस्यों को किसी प्रकार की जबरन पुनर्शिक्षा या शिक्षा से गुजरने के लिए भेजकर चीन को विश्व स्तर पर फटकार लगाई गई है.
इस साल की शुरुआत में, संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया का पहला देश बन गया जिसने शिनजियांग में चीनी कार्रवाइयों को ‘नरसंहार’ घोषित किया.