चीन से संभावित युद्ध की तैयारी: ऑस्ट्रेलिया में अमेरिका और सहयोगी देशों का विशाल सैन्य अभ्यास

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 22-07-2025
Preparation for possible war with China: US and allied countries conduct huge military exercise in Australia
Preparation for possible war with China: US and allied countries conduct huge military exercise in Australia

 

डार्विन (ऑस्ट्रेलिया)

ऑस्ट्रेलिया की रात के आसमान में चमकते सितारों के बीच, आधा दर्जन सी-17ए ट्रांसपोर्ट विमानों से कूदते अमेरिकी पैराट्रूपर्स सफेद पैराशूटों के साथ चाँदनी में उतरते दिखाई दिए। विदेशी धरती पर लैंड करते ही सैनिकों ने अपना सारा सामान जुटाया और 50 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू कर दी—उद्देश्य था एक हवाई अड्डे पर कब्जा करना।

सैकड़ों किलोमीटर दूर, अमेरिकी मरीन कॉर्प्स के सैनिक एमवी-22बी ओस्प्रे टिल्ट्रोटर विमानों से एक अन्य हवाई पट्टी पर उतरे। वे तेजी से बाहर निकलते ही परिधि को सुरक्षित करने में जुट गए ताकि अगले विमानों को उतरने और अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करने का रास्ता मिल सके।

इसी बीच, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया के नौसैनिक और उभयचर जहाजों का बेड़ा तटरेखा पर अंधेरे से उभर आया। दर्जनों लैंडिंग क्राफ्ट और होवरक्राफ्ट सैनिकों, वाहनों और उपकरणों को किनारे तक ले जा रहे थे। यह सब “एक्सरसाइज टैलिस्मन सेबर 2025” के तहत हो रहा था, जो ऑस्ट्रेलिया में 13 से 27 जुलाई तक 5,300 किमी तक फैले कई प्रशिक्षण स्थलों पर आयोजित किया गया।

इस द्विवार्षिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और 17 अन्य देश शामिल हुए। पहले से शामिल देशों में कनाडा, जापान, न्यूज़ीलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, फिलीपींस, पापुआ न्यू गिनी, टोंगा और फिजी शामिल थे। इस बार भारत, सिंगापुर, थाईलैंड, नीदरलैंड और नॉर्वे पहली बार प्रतिभागी बने। मलेशिया और वियतनाम पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहे।

40,000 सैनिकों की सबसे बड़ी तैनाती

इस बार 40,000 से अधिक सैनिकों, नाविकों और वायुसेना कर्मियों ने भाग लिया, जो अब तक का सबसे बड़ा टैलिस्मन सेबर अभ्यास है। ब्रिगेडियर डेमियन हिल, जो इस अभ्यास के निदेशक हैं, ने बताया कि इसमें 80 से अधिक प्रशिक्षण क्षेत्र और 30 जहाजों के साथ 150 से अधिक विमान शामिल हुए। उन्होंने इसे "सैन्य अभ्यासों का मिनी-ओलंपिक" कहा।

‘ओलवाना’—काल्पनिक दुश्मन, लेकिन संकेत चीन की ओर

अभ्यास में जिस काल्पनिक देश को शत्रु के रूप में दिखाया गया, उसका नाम ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ ओलवाना’ था। यह देश अमेरिकी सेना के ‘डिसाइसिव एक्शन ट्रेनिंग एनवायरनमेंट (DATE)’ का हिस्सा है। दिलचस्प बात यह है कि ओलवाना का नक्शा और उसकी सामरिक क्षमता चीन की वास्तविक स्थिति और ताकत से मेल खाती है।

पहले जहां टैलिस्मन सेबर अभ्यास आतंकवाद-रोधी अभियानों पर केंद्रित रहता था, अब फोकस पारंपरिक युद्ध की तैयारी पर है—सीधे-सीधे एक ‘पीयर एडवर्सरी’ (बराबरी की ताकत वाले दुश्मन) को मात देने की रणनीति पर।

ब्रिगेडियर हिल ने चीन का नाम लिए बिना कहा, "हमारा उद्देश्य किसी विशेष देश को निशाना बनाना नहीं है, लेकिन यह अभ्यास ऑस्ट्रेलिया की नई राष्ट्रीय रक्षा रणनीति के अंतर्गत ‘डिटरेंस’ (निवारक संदेश) देने का हिस्सा है।"

प्रशांत द्वीपों पर ‘वर्ल्ड वॉर-2 स्टाइल’ का सिमुलेशन

अमेरिकी मरीन रोटेशनल फोर्स-डार्विन (MRF-D) के 2,500 सैनिकों ने उत्तरी ऑस्ट्रेलिया के टिम्बर क्रीक, ब्रैडशॉ और क्लॉन्करी में दूरस्थ हवाई पट्टियों पर कब्जा करने का अभ्यास किया। यह वही “आइलैंड हॉपिंग” तकनीक है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के प्रशांत युद्ध अभियान की याद दिलाती है।

सबसे खास क्षण 15 जुलाई को आया जब अमेरिकी सेना ने पहली बार अमेरिका के बाहर अपने ‘टाइफन’ मिड-रेंज कैपेबिलिटी (MRC) मिसाइल सिस्टम का परीक्षण किया। एसएम-6 मिसाइल ने सैकड़ों किलोमीटर दूर समुद्र में लक्ष्य को भेदा।

कर्नल वेड जर्मन, 3rd MDTF के कमांडर ने कहा, "यह मिसाइल दुश्मन नौसैनिक जहाजों को रोकने में सक्षम है और किसी भी ‘फर्स्ट आइलैंड चेन’ को सुरक्षित कर सकती है।"

चीन को सख्त संदेश

टाइफन मिसाइल 1,000 मील तक के लक्ष्य को भेद सकती है। ऐसे मिसाइल सिस्टम की तैनाती प्रशांत क्षेत्र में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लिए गंभीर चुनौती है। अमेरिकी सेना ने अप्रैल 2024 में फिलीपींस में भी एक टाइफन बैटरी तैनात की थी।

अमेरिकी सेना का कहना है कि इस मिसाइल का परीक्षण क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इसी अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार अपने HIMARS रॉकेट लॉन्चर का लाइव-फायर किया।

“किसी भी जगह लड़ने को तैयार”

अमेरिकी 11वीं एयरबोर्न डिवीजन के कर्नल ब्रायन वेटमैन ने बताया कि अलास्का से उड़ान भरने वाले छह सी-17 विमानों ने 323 अमेरिकी और दर्जनभर जर्मन पैराट्रूपर्स को ऑस्ट्रेलिया में उतारा। उन्होंने कहा, "हम 7,000 मील दूर भी तुरंत पैरा-ड्रॉप कर एक बटालियन तैनात कर सकते हैं। यह किसी भी दुश्मन के लिए डराने वाला संदेश है।"

हालांकि वेटमैन ने कहा कि यह अभ्यास किसी खास देश के खिलाफ नहीं, बल्कि सहयोगी देशों के साथ इंटरऑपरेबिलिटी को मजबूत करने के लिए है।

टैलिस्मन सेबर 2025—जो हजारों सैनिकों, जहाजों, विमानों और उन्नत हथियारों का समन्वित प्रदर्शन है—चीन जैसे देशों को स्पष्ट संदेश देता है कि अमेरिका और उसके सहयोगी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में किसी भी आक्रामकता का जवाब देने के लिए तैयार हैं।