नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गाज़ा पट्टी में इज़राइल के सभी 20 बंधकों की रिहाई का स्वागत किया और कहा कि भारत क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के “ईमानदार प्रयासों” का समर्थन करता है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह प्रतिक्रिया उस समय आई जब मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित ‘शांति सम्मेलन’ में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप और कई अन्य वैश्विक नेता रवाना हो रहे थे। भारत की ओर से इस सम्मेलन में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने भाग लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा:\“हम उन सभी इज़राइली बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हैं जिन्हें दो वर्षों से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखा गया था।”
उन्होंने आगे कहा:“यह रिहाई उनके परिवारों के साहस, राष्ट्रपति ट्रंप के अथक शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के मजबूत नेतृत्व के प्रति सम्मान का प्रतीक है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत राष्ट्रपति ट्रंप के शांति प्रयासों का समर्थन करता है और क्षेत्र में स्थायित्व की दिशा में हर सकारात्मक पहल का साथ देगा।
गाज़ा शांति योजना के पहले चरण के तहत, हमास द्वारा दो साल पहले बंदी बनाए गए सभी इज़राइली नागरिकों को सोमवार को रिहा किया गया। इस समझौते की सफलता के लिए मिस्र और कतर ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विदेश मंत्रालय की ओर से देर रात जारी एक बयान में कहा गया:“भारत पश्चिम एशिया में शांति, संवाद और कूटनीति के ज़रिये विवादों के समाधान का पक्षधर है। हम राष्ट्रपति ट्रंप की गाज़ा शांति योजना का समर्थन करते हैं और मिस्र व कतर की रचनात्मक भूमिका की सराहना करते हैं।”
बयान में यह भी कहा गया कि सम्मेलन का उद्देश्य क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए प्रयासों को मजबूती देना है, जो कि ट्रंप की दृष्टि और भारत की दो-राष्ट्र समाधान नीति के अनुरूप है।भारत ने फिर दोहराया कि वह क्षेत्र में स्थायी और व्यापक शांति के लिए सभी सकारात्मक प्रयासों का समर्थन करता रहेगा।