वाशिंगटन
इजराइल-गाज़ा संघर्ष में महीनों से चल रहे हिंसा को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, अब तक बचे अंतिम 20 बंधकों को रिहा कर दिया गया है, जो अब अपने परिवारों से मिल गए हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे "अकल्पनीय पीड़ा" के बाद राहत की घड़ी बताया है।
इस खबर के बाद जारी बयान में बाइडेन ने रिहाई और नए संघर्ष विराम समझौते के लिए गहरी कृतज्ञता और राहत जताई। उन्होंने कहा, "मैं बहुत आभारी और राहत महसूस कर रहा हूं कि यह दिन आ गया है - अंतिम 20 बंधक जो अकथनीय यातना से गुजरे और अब अपने परिवारों और प्रियजनों से मिल पाए हैं, और गाज़ा के नागरिक जो अपार क्षति झेल चुके हैं और अब अपनी जिंदगी फिर से बसाने का मौका पाएंगे।"
बाइडेन ने अपने प्रशासन के प्रयासों पर भी जोर दिया, जिन्होंने इस मानवीय संकट को सुलझाने और संघर्ष समाप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने कहा, "इस समझौते तक पहुंचना आसान नहीं था। मेरा प्रशासन लगातार बंधकों को घर लाने, फिलिस्तीनी नागरिकों को राहत देने और युद्ध खत्म करने के लिए काम करता रहा।"
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम की भी बाइडेन ने सराहना की, जिनकी मदद से यह समझौता अंतिम रूप में आया। बाइडेन ने कहा, "मैं राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम की उस काम के लिए प्रशंसा करता हूं, जिससे यह नया संघर्ष विराम समझौता सफल हुआ।"
इस अंतरराष्ट्रीय समर्थन से बने समझौते में बंधकों की सुरक्षित वापसी और लड़ाई बंद करने का प्रावधान है, जो गाज़ा में पुनर्निर्माण प्रयासों और दीर्घकालिक कूटनीतिक संवाद का मार्ग खोलता है।
बाइडेन ने आगे कहा, "अब, संयुक्त राज्य अमेरिका और विश्व के समर्थन के साथ, मध्य पूर्व शांति के रास्ते पर है, जिसे मैं आशा करता हूं कि स्थायी होगा, और इजराइलियों व फिलिस्तीनियों दोनों के लिए समान रूप से शांति, गरिमा और सुरक्षा का भविष्य लेकर आएगा।"
सोमवार को ट्रंप ने अन्य क्षेत्रीय नेताओं के साथ मिलकर गाज़ा संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए। दस्तावेज़ में क्या था, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन एक तस्वीर में दिखा कि पृष्ठ के ऊपर कई प्रतिबद्धताएं और लक्ष्यों का उल्लेख था, जबकि नीचे क्षेत्रीय नेताओं और मध्यस्थों के हस्ताक्षर और पदनाम थे, जिनमें अमेरिका, मिस्र, कतर और तुर्की शामिल थे।
हस्ताक्षर के बाद, ट्रंप ने एक मंच पर जाकर कहा कि वह एक "डीलमेकर" हैं और इस समझौते को "सबसे बड़ा" करार दिया। उन्होंने इस ऐतिहासिक समझौते की महत्ता और इस क्षण में एकता पर भी जोर दिया।