आवाज द वाॅयस /काबुल / नई दिल्ली
अफगानिस्तान छोड़ाने वाले आखिरी सैन्य अधिकारी की तस्वीर वायरल हो गई. यह तस्वीर नाइट विजील कैमरे से ली गई है, इसलिए तस्वीर हरापन लिए हुए है. इसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमेरिकी सेना ने देर रात अफगानिस्तान छोड़ा है.
इस के साथ अफगानिस्तान में सबसे लंबे समय तक चलने वाला अमेरिकी युद्ध अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ समाप्त हो गया.फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान ने काबुल में हवा में फायरिंग और आतिशबाजी कर जश्न मनाया.
अंतिम अमेरिकी सैनिकों ने सोमवार रात काबुल हवाई अड्डे से निकासी के प्रयास की देखरेख की. इसके बाद निकासी पूरी हो गई . हालांकि, इसने एक महाशक्ति के रूप में अमेरिका की स्थिति पर सवाल भी खड़ा कर दिया है.
अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद, तालिबान लड़ाके दो दशक बाद संयुक्त राज्य अमेरिका पर जीत का जश्न मनाते और हवा में फायरिंग करते े और हवाई अड्डे में प्रवेश करते देखे गए.
रॉयटर्स के मुताबिक, आखिरी अमेरिकी सेना सी-17ने सोमवार को स्थानीय समयानुसार रात 11ः59बजे काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी. कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत रॉस विल्सन और अमेरिकी सेना के 82वें एयरबोर्न डिवीजन के प्रमुख भी काबुल हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले अंतिम अमेरिकी सैन्य विमान में सवार थे.
अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी की पूर्व संध्या पर, विदेश सचिव एंथनी ब्लिंकन ने घोषणा की कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने राजनयिक कर्मचारियों को अफगानिस्तान से कतर की राजधानी दोहा में स्थानांतरित कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि तालिबान को अंतरराष्ट्रीय समर्थन और वैधता हासिल करनी होगी.
काबुल में तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से अफगानिस्तान को पूर्ण स्वतंत्रता मिल गई.मंगलवार को जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अन्य नेताओं के साथ काबुल एयरपोर्ट का दौरा किया. तालिबान के प्रवक्ता ने इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘‘अफगानिस्तान को बधाई... यही हम सब की जीत है.
‘‘
उन्होंने कहा कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं.हम इन सभी (देशों) के साथ अच्छे राजनयिक संबंधों का स्वागत करते हैं.निकासी के पूरा होने के अवसर पर, तालिबान के वरिष्ठ नेता अनस हक्कानी ने कहा कि उन्हें इन ऐतिहासिक क्षणों को देखकर गर्व हुआ.
पेंटागन में एक ब्रीफिंग के दौरान यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा कि 20साल बाद अफगानिस्तान में एक भी अमेरिकी सैन्यकर्मी मौजूद नहीं है. उन्होंने निकासी को एक ‘‘दिल दहला देने वाला‘‘ क्षण बताया. कहा, ‘‘हम उन सभी को निकालने में सक्षम नहीं हैं जो देश छोड़ना चाहते थे .‘‘
याद रहे कि राष्ट्रपति जो बिडेन ने सभी सैनिकों की वापसी के लिए 31अगस्त की समय सीमा निर्धारित की थी. अफगानिस्तान में 20साल के दौरान अमेरिकी नेतृत्व वाले युद्ध के दौरान 2,400अमेरिकी सैनिक मारे गए थे.
ऐसे समय में जब तालिबान सरकार की बागडोर संभालने के लिए युद्ध का मैदान छोड़ रहे हैं, किसी भी प्रकार की शक्ति शून्य आंदोलन को अस्थिर कर सकती है. अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान ने एयरपोर्ट की सुरक्षा अपने हाथ में ले ली.
हालांकि, वापसी के बाद तालिबान के प्रतिद्वंद्वी समूह आईएसआईएस का खतरा सामने आया है, जिसने काबुल हवाईअड्डे पर अमेरिकी बलों को निशाना बनाने की कोशिश की थी. आईएस-के के हमले में 13अमेरिकी सैनिकों सहित 150से अधिक नागरिक मारे गए थे.
तालिबान के लिए युद्धग्रस्त देश चलाना एक बड़ी चुनौती होगी. इसे अत्यधिक गरीबी और सूखे के अलावा, आईएस-के के खतरों का भी सामना करना होगा. अरबों डॉलर खर्च करने के बावजूद अमेरिका अफगानिस्तान को आगे बढ़ाने में नाकाम रहा है.
इसके अलावा, तालिबान की सत्ता में वापसी के साथ, अफगानिस्तान में लोगों को डर है कि तालिबान अपने पहले शासन के कानूनों को फिर से लागू करेगा, जो महिलाओं और लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं.
उल्लेखनीय है कि 14 अगस्त को निकासी अभियान के दौरान काबुल हवाईअड्डे से 123,000 लोगों को विशेष उड़ानों से निकाला गया.