नई दिल्ली
युवा मामले और खेल मंत्रालय (MYAS) ने विदेश मंत्रालय (MEA) के सहयोग से रविवार को पहली बार विश्वव्यापी 'विकसित भारत रन 2025' का आयोजन किया, जिसमें 100 से अधिक देशों में भारतीय समुदाय ने हिस्सा लिया।यह पहल सेवा पखवाड़ा (17 सितंबर से 2 अक्टूबर) के तहत "रन टू सर्व द नेशन" थीम के साथ आयोजित की गई।
सरकारी बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण के लिए सामूहिक प्रयास को प्रेरित करना और सेवा की भावना के जरिए समुदायों को एकजुट करना था। विश्व के कई प्रमुख और सुगम स्थानों पर 3 से 5 किलोमीटर की सामुदायिक दौड़ आयोजित की गई, जिसमें बैंकॉक, बीजिंग, बैरूत, बिशकेक, ब्रुनेई, डिली, दोहा, गैले, नैरोबी, कुआलालंपुर, ल्यूब्लियाना, मंडले, मेलबर्न, पर्थ, रियाद, रोम, सियोल, सिडनी और टोक्यो जैसे शहरों में उत्साहपूर्वक भागीदारी हुई। इस दौड़ के आयोजन भूटान, स्विट्जरलैंड, तंज़ानिया सहित कई अन्य स्थानों पर भी हुए।
संयुक्त राज्य ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराइसवामी ने इस पहल के पीछे की सोच समझाते हुए कहा कि इसका मकसद सेवा की भावना और विदेशों में बसे भारतीयों के योगदान को उजागर करना था।
उन्होंने कहा, "इस आयोजन का उद्देश्य सेवा की भावना को उजागर करना था, यह दिखाना था कि एकजुट समुदाय न केवल भारत की सेवा करता है बल्कि उस देश की भी सेवा करता है जहाँ वह रहता है।
इससे भारतीय समुदाय की एक सकारात्मक छवि बनती है जो जहाँ भी जाता है, समाज को योगदान देता है और सेवा करता है।"विकसित भारत रन में भारतीय प्रवासी, छात्र, पेशेवर, स्थानीय समुदाय और भारत के मित्रों ने भाग लिया और 2047 तक विकसित भारत के सपने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
एक ब्रिटेन के प्रतिभागी ने ANI से कहा, "जैसे ही हमें पता चला कि सेवा पखवाड़ा के तहत यह दौड़ आयोजित हो रही है, हमने उत्साह के साथ भाग लिया। हम चाहते हैं कि भविष्य में और लोग भी इसमें हिस्सा लें।"
इस वैश्विक कार्यक्रम के तहत प्रतिभागियों ने विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प भी लिए, जिससे भारत के विकासात्मक सफर के साथ एकजुटता जताई गई। उन्होंने "एक पेड़ माँ के नाम" पौधारोपण अभियान में भी हिस्सा लिया, जिससे सेवा की भावना को पर्यावरणीय स्थिरता से जोड़ा गया।
यह आयोजन MY भारत पोर्टल से भी जुड़ा, जो स्वयंसेवा के अवसर, अनुभवात्मक शिक्षण कार्यक्रम और युवाओं के केंद्रित पहल प्रदान करता है।विश्व भर में भारतीय मिशन स्थानीय समुदायों, सांस्कृतिक संगठनों और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने में सफल रहे। विभिन्न स्थानों पर स्थानीय नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया, जिन्होंने भारत की विकास कहानी और उपलब्धियों को उजागर किया।