तेल अवीव
गाज़ा पट्टी में बीती रात हुए हवाई हमलों और गोलीबारी में कम से कम 94 फ़लस्तीनी मारे गए, जिनमें 45 वे लोग शामिल थे जो अत्यंत आवश्यक मानवीय सहायता सामग्री के इंतज़ार में खड़े थे। यह जानकारी गाज़ा के अस्पतालों और स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को दी।
इज़राइली सेना ने अब तक इन हमलों को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ‘गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ के निकट कम से कम पांच लोगों की मौत हुई, जबकि अन्य 40 लोग सहायता सामग्री लेकर आ रहे ट्रकों का इंतजार कर रहे थे, जब वे हमलों की चपेट में आ गए।
गौरतलब है कि ‘गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ एक नवगठित अमेरिकी संगठन है जिसे इज़राइल का समर्थन प्राप्त है और इसका उद्देश्य गाज़ा में जरूरतमंदों तक भोजन और मदद पहुंचाना है।
गाज़ा के मुवासी क्षेत्र में विस्थापित लोगों के तंबुओं पर हुए एक हवाई हमले में 15 नागरिकों की जान गई, जबकि एक स्कूल पर हमले में भी 15 लोगों की मौत हुई, जहां विस्थापितों ने शरण ले रखी थी।
गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मौजूदा युद्ध के दौरान गाज़ा में अब तक 57,000 से अधिक फ़लस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें 223 लापता लोग भी शामिल हैं जिन्हें अब मृत घोषित कर दिया गया है।
ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब इज़राइल और हमास के बीच संघर्षविराम समझौता लगभग तय माना जा रहा है, जिससे करीब 21 महीने से जारी युद्ध को समाप्त करने की उम्मीदें जताई जा रही हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि इज़राइल गाज़ा में 60 दिनों के संघर्षविराम के प्रस्ताव पर सहमत हो गया है। उन्होंने हमास को चेतावनी दी थी कि यदि वह इस समझौते को स्वीकार नहीं करता, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को तब शुरू हुआ था जब हमास ने दक्षिणी इज़राइल पर बड़ा हमला किया, जिसमें करीब 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था।