इज़रायली जेल से रिहा हुए फ़िलिस्तीनी को ग़ाज़ा पहुँचते ही मिली सबसे दुखद ख़बर

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 15-10-2025
Palestinian released from Israeli jail receives tragic news upon arrival in Gaza
Palestinian released from Israeli jail receives tragic news upon arrival in Gaza

 

रियाद

इज़राइल और हमास के बीच हुए युद्धविराम समझौते के तहत हाल ही में करीब 2,000 फ़िलिस्तीनियों को रिहा किया गया। सोमवार, 13 अक्टूबर को ये सभी गाज़ा पहुँचे। लेकिन इसी रिहा किए गए समूह में एक ऐसा शख़्स भी था, जिसे ग़ाज़ा पहुँचकर अपने जीवन की सबसे दर्दनाक सच्चाई का सामना करना पड़ा।

अल जज़ीरा द्वारा जारी एक वीडियो में यह दिखाया गया कि एक बीमार फ़िलिस्तीनी व्यक्ति को, जो इज़रायली जेल में कैद था, व्हीलचेयर पर अस्पताल से निकाल कर ग़ाज़ा ले जाया गया। शारीरिक रूप से बेहद कमज़ोर यह व्यक्ति ग़ाज़ा पहुंचा तो उसे वहां यह भयानक खबर मिली कि इज़रायली हमले में उसकी पत्नी, बच्चे और पूरे परिवार के अन्य सदस्य मारे जा चुके हैं।

जब उसे यह बताया गया, तो वह फूट-फूट कर रोने लगा। अपने हाथ में एक कंगन दिखाते हुए, उसने बताया कि यह उसने अपनी दो साल की बेटी के जन्मदिन के लिए बनाया था — बेटी जो अब इस दुनिया में नहीं रही।

कुछ को मिला जीवन का सबसे बड़ा तोहफ़ा

वहीं, एक अन्य फ़िलिस्तीनी कैदी की कहानी इससे एकदम उलट थी। इज़रायली सैनिकों ने उसे बताया था कि उसके ग़ाज़ा में रह रहे परिवार के सभी सदस्य मारे जा चुके हैं। लेकिन जब वह वापस पहुँचा, तो देखा कि उसका पूरा परिवार सही-सलामत उसका इंतज़ार कर रहा है।

परिवार को देखकर वह भावनाओं में बह गया और बच्चों को गले लगाते हुए बेकाबू हो गया। उसकी प्रतिक्रिया बता रही थी कि कैसे उम्मीद और असहायता के बीच एक इंसान टूट भी सकता है और जुड़ भी सकता है।

"जेल नहीं, कसाईखाना था"

एक अन्य रिहा हुए फ़िलिस्तीनी ने कहा,\"जहाँ हमें रखा गया था, वो जेल नहीं, एक कसाईखाना था। वहाँ हमें नियमित रूप से यातनाएं दी जाती थीं।"

ग़ाज़ा में लौटे चेहरों पर मिला दर्द और मुस्कान दोनों

इन रिहा हुए फ़िलिस्तीनियों की वापसी की तस्वीरें और वीडियो दिल को झकझोर देने वाले हैं। कहीं आँखों में आँसू थे तो कहीं परिवार से मिलन की मुस्कान। लेकिन एक बात साफ़ थी — इस संघर्ष ने हर किसी के जीवन को किसी न किसी रूप में गहराई से बदल दिया है।

स्रोत: अल जज़ीरा