भारत 2026-28 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सदस्य चुना गया

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 15-10-2025
India elected as a member of the United Nations Human Rights Council for the term 2026-28
India elected as a member of the United Nations Human Rights Council for the term 2026-28

 

न्यूयॉर्क 

भारत को 2026-2028 के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का सदस्य चुना गया है। यह भारत का सातवां कार्यकाल होगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, परवथनेनी हरीश ने बुधवार को यह जानकारी साझा की।

उन्होंने 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर सभी सदस्य देशों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह चुनाव मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

"भारत आज 2026-28 के कार्यकाल के लिए @UN मानवाधिकार परिषद का सदस्य चुना गया। सभी देशों के व्यापक समर्थन के लिए धन्यवाद। यह चुनाव मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम अपने कार्यकाल के दौरान इस उद्देश्य की सेवा करने के लिए तत्पर हैं," — परवथनेनी हरीश ने कहा।

मानवाधिकार परिषद क्या है?

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख अंतर-सरकारी संस्था है, जिसे 2006 में महासभा द्वारा स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य दुनियाभर में मानवाधिकारों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना है।

इस परिषद में कुल 47 सदस्य देश होते हैं। यह मंच मानवाधिकार हनन और संबंधित देश-विशिष्ट मुद्दों पर विचार-विमर्श करता है, आपात स्थितियों में कार्रवाई करता है और जमीनी स्तर पर मानवाधिकारों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें देता है।

भारत की भूमिका

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने पहले कहा था कि भारत का संयुक्त राष्ट्र के साथ बढ़ता सहयोग बहुपक्षवाद और संवाद की अपनी मूल भावना पर आधारित है। भारत मानता है कि वैश्विक चुनौतियों का समाधान मिलजुलकर और निष्पक्ष तरीकों से ही संभव है।

भारत, जो कि संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक सदस्य है, संगठन के उद्देश्यों और सिद्धांतों को पूरी तरह से समर्थन देता है और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के लक्ष्यों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।

भारत की प्रतिबद्धता निम्नलिखित वैश्विक मुद्दों पर भी स्पष्ट रूप से नजर आती है:

  • शांति स्थापना और शांति रक्षा

  • सतत विकास

  • गरीबी उन्मूलन

  • पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन

  • आतंकवाद का मुकाबला

  • परमाणु निरस्त्रीकरण

  • स्वास्थ्य और महामारी

  • साइबर सुरक्षा

  • बाह्य अंतरिक्ष और उभरती तकनीकों पर सहयोग

  • और पुनर्गठित बहुपक्षवाद को बढ़ावा देना

भारत ने दोहराया है कि वह संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों के साथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए कार्य करता रहेगा।