करतार कॉरिडोर के बहाने पाकिस्तान की नापाक साजिश, खुफिया एजेंसियों श्रद्धालुओं से जुटा रही हैं जानकारी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 21-04-2022
करतार कॉरिडोर के बहाने पाकिस्तान की नापाक साजिश, खुफिया एजेंसियों श्रद्धालुआंे से जुटा रही हैं जानकारी
करतार कॉरिडोर के बहाने पाकिस्तान की नापाक साजिश, खुफिया एजेंसियों श्रद्धालुआंे से जुटा रही हैं जानकारी

 

आवाज द वॉयस /नई दिल्ली
 
पड़ोसी पाकिस्तान में सरकार चाहे किसी की हो हरकतें उसकी वैसे की वैसी ही हैं. इमरान खान सरकार के जाने के अब मियां शाहबाज शरीफ की सरकार है. इस बीच बड़ा खुलासा हुआ है.सिखों के पवित्र स्थल गुरु नानक की कर्मभूमि करतारपुर साहिब कॉरिडोर के बहाने पाकिस्तान अपनी नापाक साजिश को अंजाम दे रहा है. 

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान कॉरिडोर का दुरुपयोग कर रहा है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के लोग गलियारे पर हमेशा मौजूद रहते हैं और भारतीय श्रद्धालुओं से उनके इस्तेमाल के बारे में उचित जानकारी जुटाने की कोशिश करते हैं.
 
इतना ही नहीं पाकिस्तान व्यापार के लिए करतारपुर कॉरिडोर का भी इस्तेमाल कर रहा है. भारत से करतारपुर साहिब आने वाले श्रद्धालुओं से संपर्क कर पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी अपने इस्तेमाल के लिए देश के बारे में जानकारी जुटाने में लगे हैं.
 
व्यावसायिक बैठकें भी होती हैं

सूत्रों के मुताबिक भारत ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर के दुरुपयोग पर आपत्ति जताई है. अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन भारत देख रहा है. इस कॉरिडोर का मकसद सिर्फ धार्मिक यात्रा है. हालांकि, व्यावसायिक बैठकें प्रतिबंधित नहीं हैं. हाल में रोटरी क्लब के अधिकारियों की एक बैठक पाकिस्तान द्वारा वर्गीकृत जानकारी के संग्रह के संबंध में आयोजित की गई थी. भारत सरकार को इसकी जानकारी दे दी गई है.
 
2019 में भारतीय भक्तों के लिए गुरुद्वारा खुला था

सिखों के लिए करतारपुर साहिब का विशेष महत्व है. सिखों के पहले गुरु नानक देव जी ने करतारपुर साहिब में ही सिख धर्म की स्थापना की थी. उन्होंने रावी नदी के तट पर इस धर्म की स्थापना की थी.
 
यहीं पर गुरु नानक देव जी ने समाधि की थी. इसी गुरुद्वारे में पहला लंगर इसलिए शुरू किया गया था क्योंकि गुरु नानक देव जी ने नाम जपु, किरात करो और हवा छको यानी बांटो और खाओ का संदेश दिया था. करतारपुर कॉरिडोर गुरुदासपुर में डेरा बाबा नानक से एलओसी तक करीब 4 किमी की दूरी पर बनाया गया है.
 
करतापुर कॉरिडोर की आधारशिला 2018 में रखी गई थी. 9 नवंबर, 2019 को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया. गुरु नानक देव के 550 प्रकाश प्रो पर करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए इस कॉरिडोर को खोला गया था.
 
इससे पहले श्रद्धालु डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा शहीद बाबा सिद्ध सेन रंधावा को दूरबीन से देखते थे. करतारपुर साहिब कॉरिडोर का प्रस्ताव पहली बार 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा प्रस्तावित किया गया था.