पाकिस्तान: अब विश्वविद्यालयों में बलूच व पश्तून छात्रों को बनाया जा रहा निशाना

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
पाकिस्तान: अब विश्वविद्यालयों में बलूच व पश्तून छात्रों को बनाया जा रहा निशाना
पाकिस्तान: अब विश्वविद्यालयों में बलूच व पश्तून छात्रों को बनाया जा रहा निशाना

 

नई दिल्ली. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुजरात विश्वविद्यालय में बलूच और पश्तून छात्रों का कहना है कि उन्हें विश्वविद्यालय परिसर के अंदर परेशान किया जा रहा है. बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है.


उनका कहना है कि असैनिक कपड़े पहने अज्ञात पुरुष अक्सर विश्वविद्यालय में आते हैं और छात्रों को अपने मोबाइल फोन, सोशल मीडिया अकाउंट की जांच करने और अपने परिवार के सदस्यों के बारे में सवाल पूछने के लिए बुलाते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्तून छात्रों को पश्तून तहफ्फुज आंदोलन के बारे में सवालों के जवाब देने के लिए मजबूर किया जाता है.

छात्रों का कहना है कि उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति को इस मुद्दे के बारे में सूचित किया, मगर उन्होंने इसे अस्वीकारते हुए कहा कि वह असहाय हैं क्योंकि उन्हें 'ऊपर से आदेश हैं'. छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास अपने रिकॉर्ड में छात्रों के सभी प्रासंगिक डेटा हैं, लेकिन छात्रों को ऐसी जानकारी के लिए परेशान किया जा रहा है जो किसी भी तरह से उनके शिक्षाविदों से संबंधित नहीं है.

छात्रों का कहना है कि यह प्रथा पंजाब प्रांत के अन्य विश्वविद्यालयों में आम है जहां बलूच और पश्तून छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन और अन्य छात्रों द्वारा दैनिक आधार पर परेशान किया जाता है. उन्होंने कहा कि इन विश्वविद्यालयों में छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है, लेकिन फिर उनसे उनके दोस्तों और परिवारों के बारे में व्यक्तिगत सवाल पूछे जाते हैं.

कुछ दिन पहले लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी में बलूच छात्रों के हॉस्टल पर छापेमारी की गई थी और दो छात्रों को हिरासत में लिया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें अज्ञात स्थान पर ले जाया गया और उनकी स्थिति और ठिकाना अभी अज्ञात है.

 

 

गुजरात विश्वविद्यालय के बलूच छात्रों ने कहा कि उन्हें हाल ही में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया. जब वे इस संबंध में एक बार फिर कुलपति से मिलने गए, तो उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय परिसर के अंदर उन्हें कुछ नहीं होगा, लेकिन वे परिसर के गेट के बाहर उनकी सुरक्षा और भलाई की गारंटी नहीं दे सकते.

छात्रों का कहना है कि कुलपति के इस तरह के जवाब के बाद वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.