वॉशिंगटन डीसी
सीरिया में दो अमेरिकी सैनिकों की हत्या के बाद अमेरिका ने आतंकवादी संगठन ISIS के खिलाफ कड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि ISIS के हमले के जवाब में अमेरिका ने सीरिया में व्यापक जवाबी हमले किए हैं। इस अभियान को ‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ नाम दिया गया है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बताया कि 13 दिसंबर को सीरिया के पलमायरा में अमेरिकी बलों पर हुए हमले के प्रत्यक्ष जवाब में यह अभियान शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य ISIS के लड़ाकों, उनके ठिकानों, बुनियादी ढांचे और हथियार भंडारण स्थलों को नष्ट करना है। हेगसेथ ने साफ शब्दों में कहा, “यह युद्ध की शुरुआत नहीं, बल्कि बदले की घोषणा है। अमेरिका अपने नागरिकों और सैनिकों की रक्षा के लिए कभी पीछे नहीं हटेगा।”
राष्ट्रपति ट्रम्प ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट कर चेतावनी दी कि अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने वालों को अब तक की सबसे कठोर सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सीरिया में ISIS के मजबूत गढ़ों पर जबरदस्त हमले किए जा रहे हैं और आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं बचेगा। ट्रम्प ने यह भी दावा किया कि सीरियाई सरकार इस कार्रवाई के समर्थन में है।
‘ऑपरेशन हॉकआई’ नाम इसलिए रखा गया क्योंकि मारे गए दोनों अमेरिकी सैनिक अमेरिका के आयोवा राज्य से थे, जिसे ‘हॉकआई स्टेट’ कहा जाता है। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, इस ऑपरेशन के तहत सीरिया भर में ISIS से जुड़े दर्जनों ठिकानों—जिनमें हथियार डिपो और लॉजिस्टिक केंद्र शामिल हैं—को निशाना बनाया गया।
सीरिया में मारे गए सैनिकों की पहचान सार्जेंट एडगर ब्रायन टोरेस टोवर (25) और सार्जेंट विलियम नाथानिएल हॉवर्ड (29) के रूप में हुई है। दोनों आयोवा नेशनल गार्ड की 1st स्क्वाड्रन, 113वीं कैवेलरी रेजिमेंट से जुड़े थे। हमले में आयोवा नेशनल गार्ड के तीन अन्य जवान घायल भी हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है।






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