पाकिस्तानः सिंध और पंजाब प्रांत के बीच जल वितरण पर घमासान

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 13-05-2022
पाकिस्तानः सिंध और पंजाब प्रांत के बीच जल वितरण पर घमासान
पाकिस्तानः सिंध और पंजाब प्रांत के बीच जल वितरण पर घमासान

 

आवाज द वाॅयस /इस्लामाबाद 
 
जल वितरण के सवाल पर पाकिस्तान के पंजाब एवं सिंध प्रांत में घमासान मचा हुआ है. सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) के सिंध और पंजाब प्रांतों के सदस्यों के बीच जल वितरण व्यवस्था को लेकर छिड़ा विवाद किसी बड़े हादसे का रूप ले सकता है.

स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि जल संसाधन पर नेशनल असेंबली की स्थायी समिति की बैठक में एक अप्रिय दृश्य देखने को मिला. दोनों पक्षों ने जल निकासी और जल वितरण तंत्र की वर्तमान व्यवस्था को लेकर एक-दूसरे के खिलाफ जमकर आरोप लगाए.
 
सिंध सरकार की टीम ने सिंध के मंत्री जाम खान शोरो के साथ जल वितरण के मुद्दे पर सदस्य आईआरएसए पंजाब के साथ तकरार की और पूछा कि सिंध को 42 प्रतिशत कम पानी क्यों दिया जा रहा है और जब सिंध पीने के पानी की कमी का सामना कर रहा है, तो पंजाब के लिंक नहरों में पानी क्यों छोड़ा जा रहा है  ?
 
सिंध में अप्रैल 2022 में 1961 के बाद  दूसरा सबसे सूखा महीना होने के कारण, पानी का प्रवाह कम दर्ज किया गया है. आईआरएसए के अनुसार, इस अवधि के दौरान वास्तविक अंतर्वाह अनुमानित 8.590 मिलियन एकड़ फीट की तुलना में 5.350 मिलियन एकड़-फीट दर्ज किया गया, जो 38 प्रतिशत की कमी दर्शाता है.
 
समिति को सूचित किया गया है कि सिंधु में 1 से 30 अप्रैल, 2022 तक प्रवाह 13 प्रतिशत कम था. 2.102 एमएएफ के अनुमानित प्रवाह से 1.831 एमएएफ. जबकि काबुल नदी में प्रवाह 46 प्रतिशत, मंगला - 44 प्रतिशत, चिनाब - 48 प्रतिशत और ई-आर घटक - 61 प्रतिशत था. आईआरएसए ने काबुल नदी से प्रवाह में भारी कमी पर आश्चर्य व्यक्त किया.
 
हालांकि, जब स्थिति में सुधार हुआ, तो नदी के प्रवाह में वृद्धि के साथ, पंजाब की रिलीज 77,700 क्यूसेक से बढ़कर 80,000 क्यूसेक कर दी गई, और सिंध की रिलीज 67,000 क्यूसेक हो गई.
उसके बाद, पंजाब और सिंध दोनों के लिए प्रांतीय मांग के संबंध में कमी को क्रमशः 51 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत और 26 प्रतिशत कर दिया गया.
 
अध्यक्ष आईआरएसए ने कहा कि पंजाब द्वारा 15 प्रतिशत की कमी साझा की जा रही है, जबकि सिंध 26 प्रतिशत की कमी का सामना कर रहा है. सिंध सरकार ने लेफ्ट बैंक आउट ड्रेन ड्रेनेज
नहर प्रणाली के बारे में भी कई सवाल उठाए. यह कहते हुए कि जल और बिजली विकास प्राधिकरण ने प्रांत को एक दोषपूर्ण परियोजना सौंपी है.
 
सिंध सरकार के प्रतिनिधियों ने सिंध सरकार की योजना के अनुसार आरबीओडी दो का निर्माण नहीं होने तक राइट बैंक कैनाल आउटफॉल ड्रेन (आरबीओडी) एक और तीन पर नियंत्रण करने से इनकार कर दिया.