तेहरान
ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका और इजरायल के हमलों को लेकर ईरानी अधिकारियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे के बाद कि अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर बमबारी की है, ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (AEOI) ने कड़ा बयान जारी किया।
बयान में कहा गया:
"इस्लामी ईरान के दुश्मनों द्वारा हाल के दिनों में किए गए बर्बर हमलों के सिलसिले में, आज सुबह फोर्दो, नतांज़ और इस्फहान में हमारे परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया। यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेषकर परमाणु अप्रसार संधि (NPT) का खुला उल्लंघन है।"
बयान में यह भी आरोप लगाया गया कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निष्क्रियता और मौन स्वीकृति के चलते हुआ, जो कि इन स्थलों की निगरानी कर रही थी।
AEOI ने आगे कहा:"अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा इन हमलों की जिम्मेदारी लेने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि यह कृत्य एकतरफा आक्रामकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपेक्षा की जाती है कि वह इस जंगल राज की निंदा करे और ईरान के वैध अधिकारों की रक्षा में साथ खड़ा हो।"
ईरानी परमाणु संगठन ने जनता को आश्वासन दिया कि"दुश्मनों की साजिशों के बावजूद, हमारे हजारों क्रांतिकारी वैज्ञानिक और विशेषज्ञ इस राष्ट्रीय उद्योग के विकास को रुकने नहीं देंगे। संगठन कानूनी कार्रवाइयों को अपनी प्राथमिकता में रखे हुए है ताकि ईरानी जनता के अधिकारों की रक्षा हो सके।"
स्थानीय अधिकारियों की पुष्टि:
इस्फहान प्रांत के डिप्टी गवर्नर अकबर सालेही ने बताया कि इस्फहान और काशान में वायु रक्षा प्रणालियां सक्रिय की गईं और दुश्मन के लक्ष्यों का मुकाबला किया गया।
उन्होंने कहा कि नतांज़ और इस्फहान के पास जोरदार धमाके हुए और हमला इन परमाणु सुविधाओं के पास हुआ।
क़ुम प्रांत की संकट प्रबंधन इकाई के प्रवक्ता मोर्तज़ा हैदरी ने कहा कि कुछ घंटों पहले क़ुम की वायु रक्षा प्रणाली ने दुश्मन के लक्ष्यों को पहचानकर कार्रवाई की और फोर्दो परमाणु स्थल के कुछ हिस्से पर हमला हुआ।
IRIB चैनल 3 की रिपोर्ट के मुताबिक, फोर्दो साइट के प्रवेश और निकास द्वार अमेरिकी हमले में क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
IRIB के राजनीतिक डिप्टी ने दावा किया है कि ईरान ने पहले ही इन तीन परमाणु स्थलों को खाली कर दिया था।
ईरानी मीडिया और अधिकारियों का कहना है कि ईरान इन हमलों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाबदेही तय कराने के लिए प्रयासरत है और इन हमलों को ईरान की संप्रभुता पर सीधा हमला मानता है।