भारत-पाकिस्तान के बीच पर्दे के पीछे कोई कूटनीति नहीं चल रही: हिना रब्बानी खार

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 27-01-2023
भारत-पाकिस्तान के बीच पर्दे के पीछे कोई कूटनीति नहीं चल रही: हिना रब्बानी खार
भारत-पाकिस्तान के बीच पर्दे के पीछे कोई कूटनीति नहीं चल रही: हिना रब्बानी खार

 

आवाज द वाॅयस /इस्लामाबाद

पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने भारत के साथ पिछले दरवाजे से कूटनीतिक रिश्तों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस समय दोनों देशों के बीच कोई बातचीत नहीं हो रही है.उन्होंने यह बातें  पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो से बातचीत में कहीं.

उनकी यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सीनेटर फैसल जावेद खान द्वारा पूछे गए एक सवाल के बाद आई, जिसमें कहा गया था कि क्या इस्लामाबाद ने नई दिल्ली के प्रति अपनी नीति बदल दी है.सीनेट में प्रश्नकाल सत्र के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया, इस स्तर पर, पाकिस्तान और भारत के बीच कोई बातचीत नहीं चल रही है.

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, खार ने कहा कि अगर यह फलदायी है तो पर्दे के पीछे की कूटनीति जरूर होनी चाहिए, लेकिन फिलहाल भारत के साथ पिछले दरवाजे से कोई कूटनीति नहीं हो रही है.हालांकि, खार ने शांति स्थापना के प्रति पाकिस्तान की उत्सुकता पर जोर दिया. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन को एक सकारात्मक उदाहरण के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि इस तरह की प्रक्रियाओं को आगे बढ़ना चाहिए.

उन्होंने कहा, पाकिस्तान कहीं भी रक्तपात नहीं चाहता. उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर सीजफायर उल्लंघन की की घटनाएं कम हुई हैं.मंत्री ने आगे कहा कि भारत के साथ व्यापार पर कोई बातचीत नहीं हुई है.इससे पहले अगस्त 2022में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री  वी मुरलीधरन ने कहा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच 2019के बाद से व्यापार को फिर से शुरू करने का कोई प्रस्ताव नहीं है.

यह पूछे जाने पर कि क्या 2019 के बाद से पाकिस्तान के साथ व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने के संबंध में कोई प्रगति हुई है, मंत्री ने राज्यसभा को लिखित जवाब में कहा था, “अगस्त 2019में, पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की थी.

पाकिस्तान ने कुछ दवा उत्पादों में व्यापार की अनुमति देकर सितंबर 2019 में भारत के साथ व्यापार पर अपने प्रतिबंध में आंशिक रूप से ढील दी है. तब से पाकिस्तान के साथ व्यापार को फिर से शुरू करने के बारे में कोई प्रगति नहीं हुई है.”जून में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के साथ व्यापार और जुड़ाव में देश की रुचि पर जोर देते हुए कहा था कि पाकिस्तान पिछली नीतियों के कारण विश्व मंच पर अलग-थलग पड़ गया है.

इससे पहले पीएम शहबाज ने दुबई स्थित अल अरबिया टीवी से एक साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ तीन युद्धों के बाद सबक सीख लिया और अब अपने पड़ोसी के साथ शांति चाहता है.उन्होंने कहा,“भारतीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री मोदी को मेरा संदेश है कि आइए टेबल पर बैठे. कश्मीर जैसे ज्वलंत बिंदुओं को हल करने के लिए गंभीर और ईमानदार बातचीत करें. यह हम पर है कि हम शांति से रहें और प्रगति करें या आपस में झगड़ें और समय- संसाधन बर्बाद करें.

दुबई स्थित एक अरबी समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, भारत के साथ तीन युद्ध में वे केवल अधिक दुख, गरीबी और बेरोजगारी लाए हैं. हमने अपना सबक सीख लिया है और हम भारत के साथ शांति से रहना चाहते हैं. हालांकि बाद में वह अपने बयान से पलट गए थे.

अभी पाकिस्तान की स्थिति बेहद गंभीर है. पड़ोसी देष में गंभीर आर्थिक संकट के चलते आटा और ईंधन की कमी पड़ गई है. इससे आम जनता बेहद नाराज है.  इस बीच, भारत ने आगामी विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए पाकिस्तान सहित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सभी सदस्यों को औपचारिक रूप से निमंत्रण भेजा है और पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को आमंत्रित किया है. यह 4-5 मई को गोवा में आयोजित किया जाएगा.