काठमांडू
नेपाल की नव-नियुक्त अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की आज (रविवार) सुबह 11:00 बजे सिंहदरबार स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में पदभार ग्रहण करेंगी। हालिया हिंसक प्रदर्शनों के बाद यह राजनीतिक परिवर्तन हिमालयी देश के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।
73 वर्षीय पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की ने शुक्रवार को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। यह कदम ऐसे समय में आया जब देश में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और वर्षों से चली आ रही राजनीतिक निष्क्रियता, भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता से नाराज़ ‘जनरल जेड’ (Gen Z) आंदोलन ने जोर पकड़ लिया।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद, प्रदर्शनकारियों ने व्यापक सहमति से कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया। उनके नाम पर सहमति इस आधार पर बनी कि वे निष्पक्ष, ईमानदार और भ्रष्टाचार से दूर रही हैं।
डिस्कॉर्ड जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जनरल जेड नेतृत्व द्वारा कराए गए सार्वजनिक मतदान में कार्की को सबसे लोकप्रिय और स्वीकार्य नेता चुना गया। यह न सिर्फ युवाओं के लिए, बल्कि पारंपरिक राजनीतिक दलों के लिए भी स्थिरता और विश्वसनीयता की उम्मीद का प्रतीक है।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कार्की ने शनिवार से ही मंत्रिमंडल के गठन को लेकर अपने सलाहकारों और आंदोलन के प्रमुख नेताओं से विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। हालांकि उनके पास 25 मंत्रालयों का कार्यभार है, लेकिन वे अधिकतम 15 मंत्रियों के एक सीमित और प्रभावशाली कैबिनेट के पक्ष में हैं, जो सिविल सोसाइटी और जन आंदोलनों की अपेक्षा के अनुरूप है।
संभावित मंत्रियों में कानूनी विशेषज्ञ ओम प्रकाश अर्याल, पूर्व सैन्य अधिकारी बलानंद शर्मा, पूर्व न्यायाधीश आनंद मोहन भट्टराई, माधव सुंदर खड़का, अशीम मन सिंह बस्न्यात और ऊर्जा विशेषज्ञ कुलमान घिसिंग के नाम सामने आए हैं। चिकित्सा क्षेत्र से डॉ. भगवान कोइराला, डॉ. संदुक रुइत, डॉ. जगदीश अग्रवाल और डॉ. पुकार चंद्र श्रेष्ठ जैसे प्रतिष्ठित नामों पर भी विचार हो रहा है।
इसी बीच जनरल जेड आंदोलन के सदस्य भी अपने स्तर पर डिस्कॉर्ड सहित अन्य मंचों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं ताकि ऐसे उम्मीदवार सुझाए जा सकें जो सुधारवादी एजेंडे के अनुकूल हों। यदि सभी पक्षों में सहमति बन जाती है, तो कैबिनेट का शपथ ग्रहण रविवार शाम तक हो सकता है, अन्यथा यह प्रक्रिया सोमवार तक टल सकती है।
शुक्रवार रात को नेपाल की संसद औपचारिक रूप से भंग कर दी गई और 5 मार्च, 2026 को नए चुनाव की तारीख घोषित कर दी गई। राष्ट्रपति कार्यालय की घोषणा के अनुसार, यह निर्णय प्रधानमंत्री कार्की द्वारा रात 11 बजे बुलाई गई पहली कैबिनेट बैठक में लिया गया। अब यह छह महीने की संक्रमणकालीन सरकार देश को नए चुनाव की ओर ले जाएगी।