काठमांडू
नेपाल में चल रहे GenZ प्रदर्शनों के दौरान मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर 72 हो गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में 59 प्रदर्शनकारी, तीन पुलिसकर्मी और 10 कैदी शामिल हैं, जो भागने की कोशिश कर रहे थे।
इस बीच, नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुषिला कार्की ने पद संभालने के बाद घोषणा की कि भ्रष्टाचार विरोधी इस आंदोलन में मारे गए सभी लोगों को "शहीद" का दर्जा दिया जाएगा और उनके परिवारों को 10-10 लाख नेपाली रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे।
कार्की ने कहा, "8 सितंबर को मारे गए सभी लोग शहीद कहलाएंगे और प्रत्येक परिवार को 10 लाख नेपाली रुपये दिए जाएंगे। घायलों का इलाज सरकार कराएगी और उन्हें भी मुआवजा दिया जाएगा। शवों को काठमांडू से अन्य जिलों तक ले जाने की सुविधा भी सरकार उपलब्ध कराएगी।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हिंसा और तोड़फोड़ में शामिल लोगों की जांच होगी। "व्यक्तिगत संपत्तियों को भी जलाया गया है। सरकार उन्हें मुआवजा देने की कोशिश करेगी, चाहे वह सॉफ्ट लोन के रूप में हो या किसी अन्य व्यवस्था से," उन्होंने कहा।
सुषिला कार्की ने जोर देकर कहा कि अंतरिम सरकार "सत्ता का स्वाद चखने" के लिए नहीं आई है और यह छह महीने से अधिक नहीं चलेगी।
उन्होंने इस आंदोलन को नेपाल के इतिहास में पहली बार हुए जनविद्रोह जैसा बताया। "वे आर्थिक समानता और भ्रष्टाचार के अंत की मांग कर रहे हैं," उन्होंने कहा।
गौरतलब है कि नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश 73 वर्षीय सुषिला कार्की रविवार को देश की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं। उन्हें शुक्रवार को शपथ दिलाई गई थी, जब देशभर में सोशल मीडिया प्रतिबंध, राजनीतिक ठहराव, भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता को लेकर फैले Gen Z विरोध प्रदर्शनों ने सरकार को संकट में डाल दिया।