गाज़ा पट्टी में हमास और उसके सहयोगी गुटों के साथ हुई ताज़ा झड़प में इज़रायली सेना के दो और जवान मारे गए हैं। फिलिस्तीनी अधिकारियों के अनुसार, मृतकों की पहचान 19 वर्षीय सार्जेंट असफ़ ज़मीर और 19 वर्षीय सार्जेंट यायर एलियाहू के रूप में हुई है।
सार्जेंट असफ़ ज़मीर, जो इज़रायली सेना की 53वीं बख्तरबंद बटालियन में तैनात थे, शुक्रवार को दक्षिणी गाज़ा में एक सैन्य अभियान के दौरान टैंक विस्फोट में दो अन्य सैनिकों के साथ मारे गए। वहीं, एडगर शहर के रहने वाले यायर एलियाहू, जो उत्तरी गाज़ा ब्रिगेड में लड़ाकू इंजीनियरिंग इकाई का हिस्सा थे, उनकी मौत उस समय हुई जब उनके बख्तरबंद वाहन पर रॉकेट हमला हुआ।
इन ताज़ा मौतों के साथ गाज़ा में पिछले दो वर्षों के दौरान मारे गए इज़रायली सैनिकों की संख्या बढ़कर 882 हो चुकी है। इससे पहले 30 जून को इज़रायली रेडियो स्टेशन 'कान' की रिपोर्ट में बताया गया था कि अक्टूबर 2023 से अब तक गाज़ा में 880 इज़रायली सैनिक मारे गए हैं और 5,844 घायल हुए हैं।
गाज़ा में मानवीय संकट और सैन्य कार्रवाई जारी
ग़ौरतलब है कि 7 अक्टूबर, 2023 को गाज़ा पर नियंत्रण रखने वाले संगठन हमास ने इज़रायली क्षेत्र में प्रवेश कर बड़ा हमला किया था। इस हमले में 1,200 इज़रायली नागरिकों की जान गई थी और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था। उसी दिन से इज़राइल ने गाज़ा में सैन्य कार्रवाई शुरू की थी, जो अब तक जारी है।
इज़रायली हमलों में अब तक 56,331 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,32,632 घायल हुए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, मृतकों में 56 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों के दबाव के बाद इज़राइल ने 19 जनवरी 2025 को युद्धविराम की घोषणा की थी, लेकिन 18 मार्च को आईडीएफ (इज़रायली डिफेंस फोर्स) ने फिर से सैन्य अभियान शुरू कर दिया। इसके बाद के ढाई महीनों में 6,08 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान गई और 20,591 लोग घायल हुए।
बंधकों की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
हमास द्वारा बंधक बनाए गए 251 लोगों में से अब तक लगभग 35 के जीवित होने की संभावना है। इज़रायली सेना ने दोहराया है कि वह सैन्य अभियान के ज़रिए इन बंधकों को छुड़ाने का प्रयास करेगी।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से गाज़ा में सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील की है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में इज़रायल के खिलाफ नरसंहार का मामला भी दर्ज किया जा चुका है।
गाज़ा में जारी यह हिंसा अब मानवता के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी है। जहां एक ओर बंधकों की रिहाई की उम्मीदें बाकी हैं, वहीं दूसरी ओर फिलिस्तीनी नागरिकों की लगातार हो रही मौतों ने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की ज़िम्मेदारी को और अधिक जटिल बना दिया है।