चीन की भव्य सैन्य परेड में पहली बार आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 03-09-2025
Modern weapons displayed for the first time in China's grand military parade
Modern weapons displayed for the first time in China's grand military parade

 

बीजिंग/ के. जे. एम. वर्मा

चीन ने बुधवार को अपनी विशाल सैन्य परेड के दौरान पहली बार आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया। इसमें जेट लड़ाकू विमान, मिसाइलें और नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर उपकरण शामिल थे, जो उसकी सैन्य ताकत का संकेत दे रहे थे।

इस मौके पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन सहित ईरान, मलेशिया, म्यांमार, मंगोलिया, इंडोनेशिया, जिम्बाब्वे और मध्य एशियाई देशों के नेता उपस्थित रहे।

भारत के पड़ोसी देशों से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़, नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुईज़्ज़ु भी परेड में शामिल हुए।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी पत्नी पेंग लीयुआन ने विदेशी मेहमानों का स्वागत किया।

द्वितीय विश्व युद्ध में “जापानी आक्रमण” के खिलाफ चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित इस परेड में सैकड़ों सैनिकों ने हिस्सा लिया।

किम जोंग उन की बीजिंग यात्रा

किम जोंग उन अपनी बेटी किम जू ए के साथ मंगलवार रात ट्रेन से बीजिंग पहुँचे। यह 2019 के बाद उनकी चीन की पहली यात्रा है। इस बीच, पुतिन के साथ उनके करीबी रिश्ते और यूक्रेन युद्ध में सैनिक भेजने की खबरों के बाद चीन और उत्तर कोरिया के बीच मतभेद की अफवाहें भी चल रही थीं।

बीजिंग में शी जिनपिंग, पुतिन और किम का एक साथ सैन्य परेड में मौजूद होना अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक मजबूत संदेश माना जा रहा है। ट्रंप ने पहले पुतिन और किम दोनों को वॉशिंगटन के पाले में लाने की कोशिश की थी।

यह बैठक हाल ही में तियानजिन में हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर बैठक के तुरंत बाद हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शी और पुतिन के साथ चर्चाएँ केंद्र में रहीं। इस दौरान ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर 50% शुल्क लगाने का ऐलान भी किया था।

जापान-चीन विवाद भी उभरा

द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के खिलाफ चीन की लड़ाई की याद में आयोजित परेड में विदेशी नेताओं की मौजूदगी ने जापान और चीन के बीच कूटनीतिक विवाद को जन्म दिया है। जापान ने विश्व नेताओं से इस आयोजन में शामिल न होने की अपील की थी। चीन ने इस पर टोक्यो के खिलाफ आधिकारिक विरोध दर्ज कराया है।

वैश्विक प्रभाव और शक्ति प्रदर्शन का मंच

विशेषज्ञों का मानना है कि यह आयोजन चीन की वैश्विक छवि और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रोफ़ाइल को मज़बूत करने की कवायद है। ऐतिहासिक तियानआनमेन स्क्वायर को आयोजन के लिए सजा दिया गया।

गोपनीय मानी जाने वाली चीनी सेना ने पहली बार अपने अत्याधुनिक हथियारों का सार्वजनिक प्रदर्शन किया, जिनके बारे में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का दावा है कि वे अमेरिकी सेना के बराबर हैं।चीन और दुनिया भर से आए बड़ी संख्या में पत्रकारों ने इस कार्यक्रम को कवर किया, जिसके दौरान राजधानी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही।