कैपिटल हिल में अमेरिकी सांसदों से मुलाकात बेहद लाभकारी रही: शशि थरूर

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 05-06-2025
Meeting with US lawmakers at Capitol Hill was extremely productive: Shashi Tharoor
Meeting with US lawmakers at Capitol Hill was extremely productive: Shashi Tharoor

 

वाशिंगटन

कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने कहा कि अमेरिकी संसद परिसर ‘कैपिटल हिल’ में भारतीय सांसदों के बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की अमेरिकी सांसदों से मुलाकात बेहद सार्थक और उपयोगी रही। उन्होंने बताया कि इस दौरान अमेरिकी नेताओं को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

थरूर, जो प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, ने बुधवार को वाशिंगटन स्थित नेशनल प्रेस क्लब में संवाददाताओं से बातचीत में कहा,
“कैपिटल हिल पर बिताया गया एक दिन बेहद फायदेमंद रहा क्योंकि हमें अमेरिकी कांग्रेस के कई सदस्यों और सीनेटरों से मिलने का अवसर मिला।”

प्रतिनिधिमंडल 24 मई को भारत से रवाना हुआ था और अब अमेरिका यात्रा के साथ अपने दौरे के अंतिम चरण में पहुंच गया है। इससे पहले प्रतिनिधिमंडल गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील का दौरा कर चुका है।

थरूर ने कहा,“हम जिन-जिन देशों में गए, वहां हमारा मुख्य उद्देश्य हालिया घटनाओं पर भारत का दृष्टिकोण साझा करना, अपने अनुभव बताना और वहां के नेताओं से समर्थन व समझ हासिल करना रहा। खुशी की बात है कि अब तक हमारी ‘बैटिंग एवरेज’ 100 से ऊपर रही है।”

उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल से जिन-जिन अमेरिकी सांसदों ने मुलाकात की, उन्होंने न सिर्फ भारत पर हुए आतंकवादी हमले की तीव्र निंदा की, बल्कि भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का भी स्पष्ट समर्थन किया।

“यह समर्थन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कैपिटल हिल पर हुई चर्चाएं बेहद गंभीर और विचारोत्तेजक रहीं। हम वहां से संतोषजनक अनुभव लेकर लौटे,” थरूर ने कहा।

उन्होंने आगे कहा,
“यह सिर्फ आतंकवाद के विरुद्ध हमारे साथ खड़े होने की बात नहीं है, बल्कि अमेरिका के सांसद भारत के साथ आर्थिक विकास, व्यापार, निवेश और द्विपक्षीय सहयोग को लेकर भी गंभीर और सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं।”

बाद में भारतीय दूतावास में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में थरूर ने बताया कि कैपिटल हिल में हुई बैठकों के दौरान “एक भी नकारात्मक या संदेहास्पद स्वर नहीं उठा” और हर ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।

उन्होंने कहा,“मुख्य दो बातें यह रहीं – भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को अमेरिका का पूरा समर्थन और आत्मरक्षा के भारत के अधिकार को स्पष्ट समझ। इन दोनों मुद्दों पर अमेरिकी नेता बेहद स्पष्ट थे।”

प्रतिनिधिमंडल ने ‘इंडिया कॉकस’ के सह-अध्यक्ष रो खन्ना और रिच मैककॉर्मिक, उप-सह-अध्यक्ष एंडी बर और मार्क वीसी सहित कई सांसदों से मुलाकात की।

भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी दी कि“इन नेताओं ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और भारत को आतंकवाद के विरुद्ध जवाबी कार्रवाई का पूरा अधिकार बताया। साथ ही, उन्होंने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की भी सराहना की।”

प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष ब्रायन मास्ट, सदस्य ग्रेगरी मीक्स, बिल हुइजेंगा, सिडनी कामलागर-डोव, अमी बेरा और यंग किम से भी चर्चा की।

दूतावास के अनुसार,“इस बातचीत के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के माध्यम से भारत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपनी नई रणनीतिक सोच साझा की। सभी सदस्यों ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ अडिग सहयोग का आश्वासन दिया।”

जब थरूर से अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड ल्यूटनिक की उस टिप्पणी पर सवाल किया गया कि भारत का रूस से सैन्य साजो-सामान खरीदना अमेरिका को पसंद नहीं है, तो उन्होंने जवाब दिया कि भारत अब विविध स्रोतों पर निर्भर हो रहा है और स्थिति पहले जैसी नहीं रही।

“अब भी हमें कुछ रूसी उपकरणों और कलपुर्जों की जरूरत है, लेकिन पहले जैसी भारी निर्भरता अब नहीं रही,” उन्होंने स्पष्ट किया।

थरूर ने तुलना करते हुए कहा,“पाकिस्तान अपने 81% सैन्य उपकरण चीन से आयात करता है, जबकि भारत अपनी प्रणाली को बहुआयामी बना रहा है।”

प्रतिनिधिमंडल के सदस्य तेजस्वी सूर्या ने भी इस मुद्दे पर कहा कि भारत ने अमेरिका, फ्रांस और इज़राइल से भी सैन्य उपकरण खरीदे हैं और कई हथियार अब स्वदेश में विकसित किए जा रहे हैं।

“हमने अमेरिकी नेताओं को साफ तौर पर बताया है कि पाकिस्तान की तरह भारत किसी एक देश पर निर्भर नहीं है। हम आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”