पुत्रजया
मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक को 1एमडीबी (वन मलेशिया डेवलपमेंट बरहाद) सरकारी निवेश कोष से अरबों डॉलर की लूट से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराया गया है। 72 वर्षीय नजीब को देश के उच्च न्यायालय ने सत्ता के दुरुपयोग के तीन मामलों में दोषी पाया। अन्य आरोपों पर सुनवाई अभी जारी है।
अधिकारियों के अनुसार, नजीब ने 1एमडीबी कोष से 70 करोड़ डॉलर से अधिक राशि अपने निजी खातों में स्थानांतरित की। नजीब 2009 से 2018 तक प्रधानमंत्री रहे और 1एमडीबी घोटाले के उजागर होने के कारण 2018 में उनकी सरकार को सत्ता से हाथ धोना पड़ा।
उन्होंने 2020 में सत्ता के दुरुपयोग, आपराधिक विश्वासघात और धन शोधन के आरोप में 12 साल की जेल की सजा पाई थी। इसमें 1एमडीबी की पूर्व इकाई एसआरसी इंटरनेशनल से उनके खातों में 4.2 करोड़ रिंगिट (लगभग 1.03 करोड़ अमेरिकी डॉलर) की राशि शामिल थी। अंतिम अपील खारिज होने के बाद अगस्त 2022 में उनकी सजा शुरू हुई, जिससे वह जेल जाने वाले मलेशिया के पहले पूर्व प्रधानमंत्री बने। 2024 में मलेशिया के क्षमादान बोर्ड ने उनकी सजा आधी कर दी और जुर्माने में भारी कटौती की।
नजीब ने प्रधानमंत्री बनते ही 2009 में 1एमडीबी विकास कोष की स्थापना की और प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री के रूप में उनके पास कोष पर पूर्ण नियंत्रण और ‘वीटो’ का अधिकार था।
भ्रष्टाचार के इस मामले का असर वैश्विक स्तर पर भी पड़ा। अमेरिकी न्याय मंत्रालय के अनुसार, 2009 से 2014 के बीच नजीब और उनके सहयोगियों ने कोष से 4.5 अरब डॉलर से अधिक की राशि हड़पी और इसे अमेरिका, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड सहित कई देशों के माध्यम से धन शोधन करके वैध बनाया।
इन पैसों का इस्तेमाल हॉलीवुड फिल्मों के प्रोडक्शन, आलीशान नौका, होटलों, कलाकृतियों और आभूषणों जैसी फिजूलखर्ची के लिए किया गया। तत्कालीन अमेरिकी अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने इसे “भ्रष्टाचार का सबसे बुरा रूप” बताया।
नजीब रजाक का यह दोषसिद्धि मलेशिया में राजनीतिक और आर्थिक इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक के रूप में दर्ज की जा रही है और देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को मजबूती प्रदान करती है।