नई दिल्ली. शुक्रवार को कराची में ‘ड्रीम बाजार’ मॉल का उद्घाटन एक भव्य समारोह के रूप में होना था, लेकिन वह जल्द ही अराजकता में बदल गया. 50 पाकिस्तानी रुपये से कम कीमत पर सामान देने के वादे के साथ शुरू हुआ यह दिन हिंसा और तोड़फोड़ के साथ खत्म हुआ.
पाकिस्तान के पहले मेगा थ्रिफ्ट स्टोर के रूप में सोशल मीडिया पर आक्रामक तरीके से प्रचारित इस कार्यक्रम में कपड़ों, एक्सेसरीज और होमवेयर पर बेहतरीन कीमतों का वादा किया गया था. मॉल के बाहर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई, जिससे प्रबंधन को बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.
जब उन्होंने स्थिति को संभालने के लिए दरवाजे बंद करने का प्रयास किया, तो लाठी-डंडे लिए लोगों ने जबरन कांच के प्रवेश द्वार को तोड़ दिया. फौज और पुलिस ने लोगों की बांस-बल्लियों से पिटाई शुरू कर दी. थोड़ी ही देर में पास पलट गया और लोगों ने फौजियों और पुलिस कर्मियों को धुन दिया.
स्थिति इतनी भयावह हो गई कि शहर का यातायात ठप हो गया, जिसमें हजारों लोग मॉल के बाहर फंसे हुए दिखाई दे रहे थे. प्रत्यक्षदर्शियों ने संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचने की सूचना दी. कुछ लोगों ने कहा कि पुलिस राहगीरों पर हमला कर रही थी.
विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के एक व्यवसायी ने कराची के गुलिस्तान-ए-जौहर इलाके में एक बड़ा मॉल खोला, जिसका नाम उन्होंने ड्रीम बाजार रखा. और आज उद्घाटन के दिन उन्होंने विशेष छूट की घोषणा की. करीब एक लाख पाकिस्तानियों की भीड़ ने मॉल पर धावा बोला और लूटपाट की..
बर्बरता के बीच लोगों ने खुद के कपड़े चुराने का वीडियो बनाया. एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि यह सब आधे घंटे के भीतर हुआ. उन्होंने दोपहर 3 बजे खोला और 3.30 बजे तक यह साफ हो चुका था.
विदेश में रहने वाले एक पाकिस्तानी मूल के व्यक्ति द्वारा कथित तौर पर बनाए गए इस मॉल की तोड़फोड़ ने कर्मचारियों को तबाह कर दिया. एक परेशान कर्मचारी ने कहा, ‘‘हम इसे कराची के लोगों के लाभ के लिए लाए थे. लेकिन सुचारू रूप से खुलने के बजाय, हमें अराजकता का सामना करना पड़ा. कराची में बहुत कम निवेश होते हैं, और जब होते हैं, तो यह परिणाम होता है.’’
एक एक्स यूजर ने उर्दू में लिखा, ‘‘अगर लोग अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए इतनी बड़ी संख्या में बाहर आते, तो देश का भविष्य उज्जवल होता. लेकिन इसके बजाय, वे 50 रुपये की शर्ट को प्राथमिकता देते हैं.’’ यह घटना कराची के लोगों द्वारा सामना किए जा रहे गहरे आर्थिक संघर्ष को रेखांकित करती है.
This is Karachi, Pakistan. A mall opened & gave good offers as inaugural offers, but awam got out of control & riots broke out.
— Frontalforce 🇮🇳 (@FrontalForce) September 1, 2024
Finally Pak Army was called & lathicharge was done to control crowds 😂pic.twitter.com/QLJCUDa63n
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, संघीय सरकार विकास परियोजनाओं के लिए बजट में कटौती कर रही है और मुद्रास्फीति अभी भी औसत नागरिक के लिए जीवन कठिन बना रही है, सस्ती वस्तुओं के लिए हताशा स्पष्ट है. उद्घाटन के दिन, यह बताया गया कि जून 2024 तक पाकिस्तान का कर्ज 254 बिलियन डॉलर तक बढ़ गया है. संघीय सरकार ने नेशनल असेंबली के सामने इन आंकड़ों का खुलासा किया, जिससे देश की बढ़ती वित्तीय परेशानियों का पता चला. विदेशी मुद्रा भंडार में मामूली सुधार और स्थिर रुपये के बावजूद, जनता उच्च ऊर्जा लागत, आवास किराए और बढ़ती मुद्रास्फीति के खतरे से पीड़ित है.
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