गाज़ा में मानवीय सहायता काफिले पर इजरायली हमला, कम से कम 71 फिलिस्तीनियों की मौत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 31-07-2025
Israeli attack on humanitarian aid convoy in Gaza kills at least 71 Palestinians
Israeli attack on humanitarian aid convoy in Gaza kills at least 71 Palestinians

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

गाज़ा में मानवीय सहायता प्राप्त करने पहुंचे लोगों पर हुए इजरायली हमलों में कम से कम 71 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है। कई चिकित्सा सूत्रों ने यह जानकारी अल जज़ीरा को दी। साथ ही गाज़ा के अस्पतालों ने भूख और कुपोषण से सात और लोगों के मरने की पुष्टि की है।

गाज़ा सरकार के मीडिया कार्यालय के अनुसार, बुधवार को उत्तरी गाज़ा के जिकिम क्रॉसिंग की ओर जा रहे लोगों पर इजरायली सेना ने हमला किया, जिसमें कम से कम 51 लोग मारे गए और 648 से अधिक घायल हुए।दक्षिणी गाज़ा में खान यूनिस के निकट मोराग कॉरिडोर में भी एक और हमला हुआ, जिसमें 20 लोग मारे गए

मई के अंत से अब तक गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) द्वारा संचालित सहायता केंद्रों के आसपास हुए इजरायली हमलों में 1,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इस फाउंडेशन को अमेरिका और इजरायल का समर्थन प्राप्त है।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवाधिकार संगठनों ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है और GHF पर सहायता वितरण में विफल रहने के आरोप लगाए हैं।

गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 154 लोग – जिनमें 89 बच्चे शामिल हैं – कुपोषण के कारण मारे जा चुके हैं
एक अंतरराष्ट्रीय भूख निगरानी संस्था ने चेतावनी दी है कि गाज़ा में अकाल जैसे हालात बनते जा रहे हैं।

एक माँ जिहान अल-कुरान ने अल जज़ीरा को बताया, “मेरी बेटी के पेट में अब मांस नहीं बचा, बस हड्डियाँ हैं। हमने एक महीने से रोटी तक नहीं देखी।” उन्होंने कहा कि सूप किचन में भी खाली हाथ लौटना पड़ा और वहाँ सिर्फ सूखा पास्ता ज़मीन पर पड़ा था।

यूएनआरडब्ल्यूए के प्रवक्ता अदनान अबू हस्ना ने बताया कि गाज़ा में जो सहायता पहुँच रही है, वह ज़रूरतमंद लोगों तक नहीं पहुँच पा रही।संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाज़ा को रोज़ाना 500 से 600 ट्रकों की आवश्यकता है, लेकिन पिछले चार दिनों में सिर्फ 269 ट्रक ही पहुंच पाए हैं

अल जज़ीरा के गाज़ा संवाददाता तारेक अबू अज़्ज़ौम ने कहा कि “भूखी भीड़ द्वारा सहायता सामग्री लूटना अब सामान्य हो गया है। लंबे समय से भोजन, पानी और दवाओं से वंचित लोगों का यही व्यवहार स्वाभाविक है।”

यूरो-मेड ह्यूमन राइट्स मॉनिटर ने बताया है कि विस्थापन शिविरों में कुपोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से कई बुज़ुर्गों की मौत हुई है।चिकित्सकीय संसाधनों की कमी, रिपोर्टिंग की अस्पष्टता और जल्दबाज़ी में शवों को दफनाने के कारण कई मौतें प्राकृतिक मानी जा रही हैं।

बुधवार को हुए ताज़ा इजरायली हमलों में कम से कम 15 और लोग मारे गए, जिनमें गाज़ा शहर में 35 वर्षीय फोटो पत्रकार इब्राहिम महमूद हज्जाज भी शामिल हैं।

पत्रकार सुरक्षा समिति के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुए इजरायली हमले में अब तक 178 पत्रकारों की मौत हो चुकी है।गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 60,138 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 1,46,000 से अधिक घायल हुए हैं