तेल अवीव (इज़रायल)
— इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इज़रायली रक्षा बल (IDF) की सिफारिशों के आधार पर उनकी कैबिनेट ने गाज़ा पट्टी में "मूलभूत मात्रा" में खाद्य सहायता पहुंचाने की अनुमति दी है. यह निर्णय उस तीन महीने लंबी नाकाबंदी के बाद आया है, जिसने फिलिस्तीनियों को भुखमरी की कगार पर ला खड़ा किया है. यह जानकारी Euronews की रिपोर्ट में दी गई.
इस सीमित राहत का उद्देश्य गाज़ा में इज़रायल की व्यापक सैन्य कार्रवाई को और तेज़ करना है. उल्लेखनीय है कि शनिवार को इज़रायल ने "गिडियोन्स चैरीअट्स" नाम से एक नया और बड़ा ज़मीनी सैन्य अभियान शुरू किया है.
रविवार को अकेले हुए इज़रायली हवाई हमलों में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई, जबकि उत्तरी गाज़ा के एक प्रमुख अस्पताल—इंडोनेशियन हॉस्पिटल—को बंद करना पड़ा. गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने माना कि गाज़ा में भुखमरी को रोकना ज़रूरी है, क्योंकि सैन्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर यह हालात बने रहते हैं, तो यह हमास के खिलाफ व्यापक अभियान को भी खतरे में डाल सकता है.
Integrated Food Security Phase Classification (IPC) के अनुसार, लगभग 5 लाख फिलिस्तीनी पहले ही "विनाशकारी भूख" का सामना कर रहे हैं, जबकि 10 लाख अन्य बमुश्किल अपने पोषण संबंधी ज़रूरतें पूरी कर पा रहे हैं.
खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर नाकाबंदी और सैन्य कार्रवाई को जल्द समाप्त नहीं किया गया, तो गाज़ा में अकाल आना तय है. हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह सहायता कब और कैसे दी जाएगी.
नेतन्याहू ने इस बात पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हमास इस सहायता का लाभ न उठा सके. उन्होंने कहा कि इज़रायल इस पर कड़ी निगरानी रखेगा.
यह सैन्य अभियान मार्च में संघर्षविराम टूटने के बाद का अब तक का सबसे बड़ा हमला है, जिसका लक्ष्य बड़े क्षेत्र पर नियंत्रण पाना और फिलिस्तीनी आबादी को विस्थापित करना है. वहीं दूसरी ओर, संघर्षविराम को लेकर वार्ताएं भी जारी हैं..
इज़रायल वर्तमान में एक अस्थायी युद्धविराम की मांग कर रहा है, जो बंधकों की रिहाई पर केंद्रित है लेकिन युद्ध को पूरी तरह खत्म करने की कोई गारंटी नहीं देता. इसके उलट, हमास एक पूर्ण इज़रायली वापसी और युद्ध की समाप्ति के स्पष्ट रोडमैप की मांग कर रहा है.
Euronews की रिपोर्ट के अनुसार, संघर्षविराम के अंतिम विफल प्रयास के बाद से अब तक 3,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है.
यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को उस वक्त शुरू हुआ था, जब हमास ने दक्षिणी इज़रायल में अचानक हमला कर करीब 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और 251 लोगों को बंधक बना लिया था। वर्तमान में हमास के पास 57 बंधक हैं, जिनमें से 22 के जीवित होने का अनुमान है.
इज़रायल की जवाबी सैन्य कार्रवाई में अब तक 50,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की जान जा चुकी है, जबकि इज़रायली सेना के अनुसार, उनके 856 सैनिकों की मौत हुई है.