इज़राइल ने ईरान के परमाणु अनुसंधान केंद्र पर किया हमला, युद्ध दूसरे सप्ताह में जारी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 22-06-2025
Israel attacks Iran's nuclear research center, war continues in second week
Israel attacks Iran's nuclear research center, war continues in second week

 

तेल अवीव

इज़राइल और ईरान के बीच छिड़ा युद्ध अब अपने दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुका है, और इस बीच शनिवार को इज़राइली सेना ने दावा किया कि उसने बीती रात ईरान के परमाणु अनुसंधान केंद्र को निशाना बनाते हुए हमला किया। इस हमले में तीन वरिष्ठ ईरानी सैन्य कमांडरों की मौत हो गई है।

इज़राइल के मुताबिक, हमला ईरान के इस्फहान प्रांत में किया गया, जहां दो बार परमाणु अनुसंधान केंद्रों को निशाना बनाया गया। धुएं के गुबार सुबह-सुबह पर्वतीय क्षेत्र में देखे गए।

इज़राइली सैन्य प्रवक्ता के अनुसार, टारगेट पर सेंट्रिफ्यूज उत्पादन इकाइयाँ थीं, जो ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम का हिस्सा हैं। यह पिछले 24 घंटों में इस इलाके पर किया गया दूसरा हमला था।

ईरान की पुष्टि और जवाबी कार्रवाई

इस्फहान प्रांत के सुरक्षा उप-राज्यपाल अकबर सालेही ने हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि कुछ हद तक अनुसंधान सुविधा को नुकसान पहुंचा है, लेकिन किसी के घायल होने की जानकारी नहीं है।

इसके जवाब में ईरान ने एक बार फिर इज़राइल पर मिसाइलें और ड्रोन दागे, हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है। उत्तरी इज़राइल में एक ड्रोन गिरा, जिससे एक इमारत क्षतिग्रस्त हुई, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ।

‘लंबे अभियान’ की तैयारी में इज़राइल

इज़राइली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने बताया कि चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने सेना को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे ईरान के परमाणु ठिकानों, मिसाइल स्थलों और सैन्य कमान केंद्रों को पूरी तरह नष्ट करने के लिए लंबे अभियान के लिए तैयार रहें।

राजनयिक प्रयास विफल

इस बीच जेनेवा में हुई राजनयिक वार्ता बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि जब तक इज़राइल के हमले बंद नहीं होते और उसे जवाबदेह नहीं ठहराया जाता, तब तक अमेरिका से वार्ता की कोई संभावना नहीं है।

उन्होंने कहा, “यदि हमलावर को दंडित किया जाए और हमले रोके जाएं, तो हम कूटनीतिक रास्ता अपनाने को तैयार हैं।” हालांकि, अगली बातचीत की कोई तारीख तय नहीं हुई है।

अमेरिका की भूमिका पर असमंजस

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि अमेरिका ईरान के खिलाफ सैन्य अभियान में सक्रिय भागीदारी कर सकता है। अरागची ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यदि ऐसा होता है, तो यह पूरे क्षेत्र के लिए अत्यंत खतरनाक होगा।”

मानवाधिकार संकट गहराया

वाशिंगटन स्थित एक ईरानी मानवाधिकार संगठन के अनुसार, इस युद्ध में अब तक कम से कम 722 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 285 आम नागरिक भी शामिल हैं, जबकि 2,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

इज़राइली सेना का दावा है कि अब तक ईरान ने 450 मिसाइलें और 1,000 से अधिक ड्रोन इज़राइल पर दागे हैं। इनमें से अधिकतर को बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने निष्क्रिय कर दिया, फिर भी 24 इज़राइली नागरिकों की मौत हुई है और सैकड़ों घायल हुए हैं।

इज़राइली हमलों का दायरा बढ़ा

इज़राइल ने बताया कि उसने कुद्स फोर्स के लिए फलस्तीन कोर के कमांडर सईद इज़ादी को कोम शहर में एक अपार्टमेंट में मार गिराया। इसके अलावा, हथियार आपूर्ति इकाई के प्रमुख बेहनाम शाहरियारी की भी कार यात्रा के दौरान हत्या कर दी गई।

एक अन्य वरिष्ठ इज़राइली अधिकारी ने दावा किया कि ईरानी ड्रोन बल के प्रमुख को भी शुक्रवार रात एक हमले में मार दिया गया है।

ईरान ने जर्मन नागरिक को किया गिरफ्तार

इस बीच ईरान ने पहली बार स्वीकार किया कि उसने जर्मनी के एक साइकिल यात्री को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी ‘मेहर’ ने एक वीडियो फुटेज जारी किया है जिसमें इस व्यक्ति को हिरासत में लेते हुए दिखाया गया है।

गिरफ्तारी ईरान के मरकज़ी प्रांत में हुई, जहां ईरान का अराक भारी जल रिएक्टर स्थित है। माना जा रहा है कि यह गिरफ्तारी जर्मनी पर दबाव बनाने की एक रणनीति हो सकती है।

नेतन्याहू का कड़ा रुख

इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दोहराया है कि उनका सैन्य अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक ईरान का परमाणु और मिसाइल ढांचा पूरी तरह नष्ट नहीं हो जाता। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की मदद के बिना इज़राइल के लिए फोरदो जैसे सुरक्षित यूरेनियम संवर्धन स्थलों को तबाह करना संभव नहीं होगा।

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे अगले दो सप्ताह में फैसला करेंगे कि अमेरिका को इस युद्ध में सीधे शामिल किया जाए या नहीं।