ढाका
बांग्लादेश के ढाका विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा इस्लामी छात्र शिविर (ICS) ने चौंकाने वाली जीत दर्ज की है। वर्ष 1971 में बांग्लादेश की आज़ादी के बाद यह पहली बार है जब किसी इस्लामी छात्र संगठन ने विश्वविद्यालय स्तर पर इतनी बड़ी सफलता हासिल की है।
मंगलवार को हुए चुनाव के नतीजे बुधवार को घोषित किए गए, जिसमें ICS ने डीयूसीएसयू (DUCSU) के कुल 12 पदों में से 9 पर कब्जा जमाया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने ICS के सादिक कायम को उपाध्यक्ष और एस.एम. फरहाद को महासचिव घोषित किया। अध्यक्ष पद परंपरागत रूप से विश्वविद्यालय के कुलपति के लिए आरक्षित होता है।
पर्यवेक्षकों के अनुसार, यह नतीजे बांग्लादेश की छात्र राजनीति में एक बड़ी विचारधारात्मक पारी का संकेत हैं। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की छात्र इकाई जातीयताबादी छात्र दल (JCD) ने चुनाव परिणामों को खारिज करते हुए इन्हें "पूर्व-निर्धारित और पक्षपाती" बताया।
JCD के उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार मोहम्मद अबिदुल इस्लाम ने सोशल मीडिया पर लिखा,"मंगलवार दोपहर से ही हमें अंदेशा था कि चुनाव परिणाम पहले ही तय किए जा चुके हैं। हमने इस दिखावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है।"
महासचिव पद पर ICS के फरहाद को 10,794 वोट, जबकि JCD के तनवीर बारी को केवल 5,283 वोट मिले। उपाध्यक्ष पद पर हालांकि JCD के खान को 5,708 वोट मिले, लेकिन कायम ने 1,442 वोट लेकर आधिकारिक जीत दर्ज की — इस अंतर को लेकर विवाद जारी है।
पिछले साल सरकार विरोधी आंदोलन में सक्रिय रहे छात्र संगठन ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ (SAD) इस बार आंतरिक मतभेदों के कारण प्रभाव छोड़ने में विफल रहा। इसके उम्मीदवार अब्दुल कौदर ने आरोप लगाया कि मतदान केंद्रों में ICS ने भीतर से, जबकि JCD ने बाहर से चुनाव में हेरफेर की।
यह चुनाव बांग्लादेश में छात्रों की राजनीतिक चेतना और ध्रुवीकरण का नया दौर लेकर आया है।