इराकी शिया मिलिशिया का इजरायली ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले करने का दावा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 30-09-2024
Iraqi Shia militia claims drone and missile attacks on Israeli targets
Iraqi Shia militia claims drone and missile attacks on Israeli targets

 

बगदाद. इराक के शिया मिलिशिया ग्रुप इस्लामिक रेजिस्टेंस ने सोमवार को इजरायली क्षेत्रों को निशाना बनाकर ड्रोन और मिसाइल हमले करने का दावा किया.  ग्रुप ने ऑनलाइन बयान में बताया कि उसने 'इजरायल में एक महत्वपूर्ण स्थल' पर अल-अरकब क्रूज मिसाइलें दागी और तीन ड्रोन हमले किए.  

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार ग्रुप ने लक्षित स्थलों का नाम नहीं बताया और न ही किसी हताहत की सूचना दी.

ये हमले हाल ही में बेरूत के दक्षिणी उपनगरों पर इजरायली एयर स्ट्राइक के बाद हुए. इन हमलों में हिजबुल्लाह को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. ग्रुप के नेता हसन नसरल्लाह और कई अन्य सीनियर कमांडरों की हमलों में मौत हो गई है.

हिजबुल्लाह के डिप्टी चीफ शेख नईम कासिम ने सोमवार को दावा किया कि ईरान समर्थित लेबनानी संगठन अपनी लड़ाई में 'विजेता बनकर उभरेगा.' उन्होंने कहा कि उनका ग्रुप लेबनान पर इजरायली सेना के जमीनी हमले का मुकाबला करेगा.

कासिम ने कहा, 'यदि इजरायल जमीन के रास्ते लेबनान में एंट्री करने का फैसला लेता है, तो रेजिस्टेंस फोर्सेज इन हमलों का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं.'

शुक्रवार देर शाम बेरूत के दक्षिणी उपनगर में इजरायली एयर स्ट्राइक में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौतल के बाद संगठन के किसी सीनियर अधिकारी का यह पहला भाषण था.

कासिम ने कहा कि अपने शीर्ष नेतृत्व के खात्मे के बावजूद, हिजबुल्लाह अपने रास्ते से पीछे नहीं हटेगा.

कासिम ने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि दुश्मन के ये हमले प्रतिरोध को कमजोर नहीं करेंगे और हम निश्चित रूप से जीतेंगे." उन्होंने यह भी घोषणा की कि हिजबुल्लाह के नए महासचिव का चुनाव जल्द ही नए कमांडरों के बीच से किया जाएगा.

इजरायल ने पिछले कुछ दिनों में लेबनान में भारी गोलबारी की है. 2006 के बाद से इस क्षेत्र में यहूदी राष्ट्र का यह सबसे बड़ा मिलिट्री अभियान है.

इजरायली अधिकारियों का कहना है कि हवाई हमलों में हिजबुल्लाह के हथियारों के भंडार और नागरिक इमारतों के नीचे छिपे बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जा रहा है, ताकि आतंकी संगठन की सैन्य समझताओं को खत्म किया जा सके.

 

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