संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने शुक्रवार को ईरान पर लगे प्रतिबंधों को फिर से लागू करने में देरी करने के लिए रूस और चीन द्वारा किए गए एक अंतिम प्रयास को समय सीमा से ठीक एक दिन पहले ख़ारिज कर दिया।
पश्चिमी देशों ने इस कदम का समर्थन करते हुए दावा किया कि प्रतिबंधों को टालने के लिए अधिकारियों के साथ हफ्तों तक चली बैठकों के बावजूद, इस संबंध में कोई "ठोस" समझौता नहीं हो पाया।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों की एक शृंखला लागू होने वाली है। ये प्रतिबंध उस समझौते के तहत हैं जो विश्व शक्तियों के साथ ईरान के 2015 के परमाणु समझौते में उल्लिखित हैं।
इन प्रतिबंधों के फिर से लागू होने से ईरान पर कई तरह के गंभीर प्रभाव पड़ेंगे। इससे विदेशों में ईरानी संपत्तियों को फिर से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा, तेहरान के साथ हथियारों के सौदे रुक जाएंगे, और ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के किसी भी विकास पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम देश की पहले से ही लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था पर और अधिक दबाव डालेगा, जिससे वैश्विक राजनीति में तनाव बढ़ने की संभावना है।