सना, यमन
ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों ने रविवार को यमन की राजधानी सना में संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों के दफ्तरों पर छापेमारी कर कम से कम 11 कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई इजरायल द्वारा हौथी प्रधानमंत्री और कई मंत्रियों की हत्या के बाद की गई, जिसके चलते सना में सुरक्षा और अधिक कड़ी कर दी गई है।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां बनीं निशाना
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की प्रवक्ता अबीर एतेफा ने बताया कि रविवार सुबह हौथी सुरक्षा बलों ने राजधानी सना में UN एजेंसियों के कार्यालयों पर धावा बोला। इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ (UNICEF) के कार्यालयों में भी छापेमारी हुई।
एक UN अधिकारी और एक हौथी अधिकारी (दोनों नाम उजागर नहीं किए गए) ने बताया कि हथियारबंद बलों ने कर्मचारियों को पार्किंग में रोका और उनसे पूछताछ की। यूनिसेफ के प्रवक्ता अम्मार अम्मार ने कहा कि उनके कई कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है और एजेंसी हौथियों से और जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रही है।
WFP और यूनिसेफ दोनों ही अब सना और अन्य हौथी-नियंत्रित इलाकों में अपने कर्मचारियों की "विस्तृत गिनती" कर रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रविवार देर रात एक बयान में कहा कि कम से कम 11 UN कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए "संयुक्त राष्ट्र परिसरों में जबरन घुसपैठ, संपत्ति की जब्ती और अन्य कार्यालयों में घुसने के प्रयासों" की आलोचना की। उन्होंने कर्मचारियों की "तत्काल और बिना शर्त रिहाई" की मांग की।
हौथियों की UN और अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर लगातार सख्ती
यह घटना हौथियों द्वारा UN और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर बढ़ती सख्ती का हिस्सा है। हाल के वर्षों में उन्होंने दर्जनों UN कर्मचारियों, नागरिक समाज से जुड़े लोगों और यहां तक कि सना स्थित बंद हो चुके अमेरिकी दूतावास के स्टाफ को भी हिरासत में लिया है। इस साल जनवरी में 8 UN कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद UN ने उत्तरी यमन के सादा क्षेत्र में अपने अभियानों को निलंबित कर दिया था।
इजरायली हमले में हौथी प्रधानमंत्री समेत कई मंत्री मारे गए
रविवार की यह कार्रवाई गुरुवार को हुए उस इजरायली हमले के बाद हुई है जिसमें हौथी सरकार के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी और उनके कई मंत्री मारे गए। मारे गए अन्य वरिष्ठ नेताओं में विदेश मंत्री गमाल अमेर, उप प्रधानमंत्री मोहम्मद अल-मेदानी, बिजली मंत्री अली सैफ हसन, पर्यटन मंत्री अली अल-याफी, और सूचना मंत्री हाशिम शराफुद्दीन शामिल हैं।
हौथी अधिकारियों के अनुसार, आंतरिक मामलों के उप मंत्री अब्दुल-माजिद अल-मुर्तदा भी हमले में मारे गए। यह हमला उस समय हुआ जब मंत्री एक "वार्षिक कार्यशाला" में शामिल थे।
हौथी नेता का बयान: हमला जारी रहेगा
हौथी नेता अब्दुल-मालिक अल-हौथी ने रविवार को एक टीवी भाषण में कहा, “हमारा सैन्य दृष्टिकोण — चाहे मिसाइलों, ड्रोन या समुद्री नाकेबंदी के माध्यम से — लगातार, स्थिर और तेज़ होता जा रहा है।”
संयुक्त राष्ट्र दूत की चेतावनी
यमन के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत हांस ग्रुंडबर्ग ने इजरायली हमले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “यमन एक व्यापक भू-राजनीतिक संघर्ष का युद्धक्षेत्र नहीं बन सकता।” उन्होंने सभी पक्षों से तनाव कम करने की अपील की।
पृष्ठभूमि: इजरायल पर हौथी हमला और जवाबी कार्रवाई
गुरुवार का यह हमला 21 अगस्त को हौथियों द्वारा इजरायल पर की गई बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में हुआ था। उस मिसाइल में क्लस्टर बम था, जो 2023 के बाद पहली बार इजरायल पर इस तरह का हमला था। मिसाइल को बेन गुरियन हवाई अड्डे की ओर दागा गया था, जिससे पूरे इजरायल में सायरन बज उठे और लाखों लोग बंकरों में चले गए।
हौथियों ने जुलाई में धमकी दी थी कि वे उन सभी कंपनियों के जहाजों को निशाना बनाएंगे जो इजरायली बंदरगाहों से व्यापार करती हैं — चाहे उनकी राष्ट्रीयता कुछ भी हो।