नेपाल के ‘जेन जेड’ आंदोलन की जांच तेज़, पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक से पूछताछ करेगी आयोग

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 24-12-2025
Investigation into Nepal's 'Gen Z' movement intensifies; the commission will question former Home Minister Ramesh Lekhak.
Investigation into Nepal's 'Gen Z' movement intensifies; the commission will question former Home Minister Ramesh Lekhak.

 

काठमांडू

नेपाल में हुए चर्चित ‘जेन जेड’ आंदोलन से जुड़ी हिंसक घटनाओं की जांच कर रहे सरकारी आयोग ने पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक को पूछताछ के लिए तलब किया है। आयोग ने लेखक को पत्र भेजकर सात दिनों के भीतर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा है।

यह जानकारी जांच आयोग के प्रवक्ता बिज्ञान राज शर्मा के हवाले से एक निजी टेलीविजन चैनल ने दी। आयोग का कहना है कि आंदोलन के दौरान हुई घटनाओं की निष्पक्ष और व्यापक जांच के लिए उस समय सरकार में शामिल रहे प्रमुख अधिकारियों और मंत्रियों से पूछताछ आवश्यक है।

गौरतलब है कि नेपाल में 8 और 9 सितंबर को हुए ‘जेन जेड’ आंदोलन ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस आंदोलन के दौरान विभिन्न हिस्सों में हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें कुल 77 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में 22 युवा शामिल थे, जिससे आंदोलन और भी संवेदनशील बन गया था।

हिंसक घटनाओं के बाद देश में राजनीतिक उथल-पुथल तेज़ हो गई थी। हालात इतने बिगड़ गए कि तत्कालीन प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से हटना पड़ा था। इसके बाद सरकार ने जनदबाव के चलते एक उच्चस्तरीय जांच आयोग का गठन किया था, ताकि आंदोलन के दौरान हुई मौतों, सुरक्षा बलों की कार्रवाई और प्रशासनिक निर्णयों की जांच की जा सके।

जांच आयोग अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार था, सुरक्षा व्यवस्था में कहां चूक हुई और क्या राजनीतिक या प्रशासनिक स्तर पर ऐसे फैसले लिए गए, जिनसे हालात और बिगड़े।

पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक का बयान इस जांच में अहम माना जा रहा है, क्योंकि आंदोलन के समय आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय के पास थी।आयोग के सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में अन्य पूर्व मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। नेपाल में यह जांच राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इसके निष्कर्ष देश के भविष्य की राजनीति और प्रशासनिक सुधारों को प्रभावित कर सकते हैं।