इंडोनेशियाः इस्लामी न्यायशास्त्र और फिक्ह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जुटे 30 देशों के उलेमा और आध्यात्मिक गुरू

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 08-02-2023
इंडोनेशियाः इस्लामी न्यायशास्त्र और फिक्ह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जुटे 30 देशों के उलेमा और अत्यात्यमिक गुरू
इंडोनेशियाः इस्लामी न्यायशास्त्र और फिक्ह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जुटे 30 देशों के उलेमा और अत्यात्यमिक गुरू

 

आवाज द वॉयस /नई दिल्ली

विश्व भर में भाईचारगी, सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाने और तमाम मजहबी विवादों को सुलझाने के लिए नहदतुल उलेमा की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर इंडोनेशिया के सुरबाया और सिदोअर्जोे शहर में 6 फरवरी से इस्लामिक न्यायशास्त्र और सभ्यतागत फिक्ह पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसका आज बुधवार को समापन है. 

इस सम्मेलन में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर सैयद सलमान चिश्ती भी भाग ले रहे हैं. सलमान चिश्ती गद्दी नशीन-दरगाह अजमेर शरीफ और अध्यक्ष चिश्ती फाउंडेशन अजमेर शरीफ के अलावा एयूएमबी और विश्व सूफी फोरम के महासचिव हैं.
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सम्मेलन में दुनिया के कई देशों के राजदूतों के अलावा 30 देश के धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं को भी आमंत्रित किया गया है. सलमान चिश्ती के अनुसार,सम्मेलन में प्रमुख इस्लामिक विद्वानों, आध्यात्मिक गुरूओं के अलावा,इंटरफेथ एक्टिविस्ट्स, पीस मेकर्स भी नहदताल उलेमा के इस कार्यक्रम में एकत्रित हुए हैं. यह आयोजन इंडोनेशियाई धार्मिक मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है.
 
जानकारी के अनुसार, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति एच.ई. जोको विडोडो 7 फरवरी को 10 लाख लोगों को एक स्टेडियम में संबोधित किया. सम्मेलन के विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता मक्का स्थित मुस्लिम विश्व लीग के महासचिव शेख मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इस्सा, नहद तुल उलेमा केंद्रीय बोर्ड के अध्यक्ष क्याई हाजी याहया चोलिल स्टाकफ द्वारा किया गया. कार्यक्रम में संत पापा फ्रांसिस के प्रतिनिधि की मौजूदगी भी उल्लेखनीय  रही.
 
हाजी सलमान चिश्ती के एक बयान के मुताबिक, इंडोनेशिया के नहदताल उलेमा ने जी 20 प्रेसीडेंसी के आधिकारिक समूह के रूप में इससे पहले आर 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी. ऐसे ही एक सम्मेलन की मेजबानी 2023 भारत करने जा रहा है. इसके बाद 2024 में ब्राजील में शिखर सम्मेलन होगा.
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इस शिखर सम्मेलन की दिलचस्प बात यह है कि इसके लिए पहले मुस्लिम-बहुल देश, फिर हिंदू-बहुसंख्यक देश और फिर कैथोलिक राष्ट्र को चुना गया है.बताया गया कि सुरबाया  शहर के सबसे बड़े स्टेडियम में 6 तारीख का आयोजित खुले सम्मेलन में मौजूद प्रमुख इस्लामिक विद्वानों, आध्यात्मिक गुरूओं, इंटरफेथ एक्टिविस्ट्स, पीस मेकर्स और नहदताल उलेमा को सुनने करीब एक मिलियन इंडोनेशियाई लोग पहुंचे.
 
इस मौके पर हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने ख्वाजा गरीब नवाज के वैश्विक संदेश ‘सभी के प्रति प्रेम, किसी के प्रति द्वेष नहीं, सभी के प्रति बिना शर्त प्यार’ को आगे बढ़ाया.पीबीएनयू के तालिफ एवं नसीर (एलटीएन) के प्रमुख, एच इशाक जुबैदी रकीब ने बताया कि सम्मेलन में प्रेस और मीडिया के भी देश-विदेश के 19 पत्रकारों ने भाग लिया, ताकि इंडोनेशिया के इस सम्मेलन से निकलने वाला शांति संदेश पूरी दुनिया तक पहुंच सके.