डोडा (जम्मू और कश्मीर)
भारतीय सेना की 26 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट ने सोमवार को डोडा जिले के चिल्ली गंढोह क्षेत्र स्थित मनु पंचायत में एक निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया।
इस शिविर में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने भाग लिया और आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं का लाभ उठाया। ग्रामीणों की भारी भागीदारी से यह स्पष्ट हुआ कि ऐसे शिविर उनकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में अत्यंत सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
इससे पहले, 22 जून को थल सेनाध्यक्ष (COAS) जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कश्मीर क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और आगामी श्री अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए तैयारियों का जायजा लिया।
अतिरिक्त जनसंपर्क महानिदेशालय (ADG-PI) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि जनरल द्विवेदी को मौजूदा ऑपरेशनल परिस्थितियों और व्यापक रणनीतिक परिदृश्य के बारे में अवगत कराया गया। इस दौरान अत्याधुनिक तकनीकों के सैन्य अभियानों में एकीकरण का प्रदर्शन भी किया गया, जिससे निर्णय लेने, निगरानी और प्रतिक्रिया की क्षमता बेहतर हो रही है।
पोस्ट में कहा गया,
"थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कश्मीर क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और श्री अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियों का आकलन किया। उन्हें वर्तमान ऑपरेशनल परिदृश्य और रणनीतिक दृष्टिकोण से जुड़ी जानकारी दी गई, जिसमें उन्नत तकनीकों के सैन्य अभियानों में एकीकरण का प्रदर्शन भी शामिल था। इससे निगरानी, निर्णय और प्रतिक्रिया प्रणाली में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।"
जनरल द्विवेदी ने चिन्नार कॉर्प्स के सभी जवानों की आतंकवाद के खिलाफ उनकी सतत कार्रवाई, क्षेत्र में शांति बनाए रखने तथा स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के प्रयासों के लिए सराहना की।
पोस्ट में आगे कहा गया,
"थल सेनाध्यक्ष ने #चिन्नारकॉर्प्स के सभी अधिकारियों और जवानों की प्रशंसा की, जिन्होंने निर्णायक आतंकवाद विरोधी अभियानों और क्षेत्रीय विकास व स्थानीय जनकल्याण की दिशा में किए गए प्रयासों से शांति और स्थिरता सुनिश्चित की है।"
इससे पहले शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन विभाग ने पहलगाम में हिम झील विस्फोट (Glacial Lake Outburst Flood - GLOF) की स्थिति को दर्शाने वाला मॉक ड्रिल आयोजित किया।
यह अभ्यास अनंतनाग जिला प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), भारतीय सेना और अन्य संबंधित एजेंसियों के सहयोग से किया गया।
इस ड्रिल का उद्देश्य अमरनाथ यात्रा के लिए आपदा से निपटने की तैयारियों को परखना था, विशेषकर बाढ़ और दुर्घटनाओं जैसी स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र की जांच करना। यह तैयारी अत्यंत आवश्यक है क्योंकि पिछले वर्ष 4.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अमरनाथ गुफा मंदिर के दर्शन किए थे।