आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
यह देश के लिए अत्यंत गौरव और हर्ष का विषय है कि प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान, शोधकर्ता और लेखक डॉ. अनज़र हाशमी (Syed Anzar Hashmi) को भारत सरकार ने स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर लाल क़िले पर आयोजित होने वाले भव्य समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है. यह आमंत्रण न केवल उनकी अकादमिक और शोध क्षेत्र में सेवाओं का सम्मान है, बल्कि भारत की विविधता, धार्मिक सहिष्णुता और वैश्विक स्तर पर संवाद की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है.
डॉ. अनज़र हाशमी (Syed Anzar Hashmi) इस ऐतिहासिक अवसर पर 14 अगस्त को इंडोनेशिया से नई दिल्ली पहुँचेंगे और 15 अगस्त को लाल क़िले पर आयोजित होने वाले आधिकारिक समारोह में भाग लेंगे. इस दौरान उन्हें देश की शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात का अवसर भी प्राप्त होगा, जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ शिष्टाचार भेंट भी शामिल है.
डॉ. हाशमी इस समय फिलीपींस के एक शैक्षिक दौरे पर हैं, जहाँ उन्हें वहां की सरकार द्वारा स्टेट गेस्ट (राजकीय अतिथि) के रूप में आमंत्रित किया गया है. यह दौरा विशेष रूप से मदरसा शिक्षा के पाठ्यक्रम के विश्लेषण, मूल्यांकन और सुधार के उद्देश्य से आयोजित किया गया है. यह उनकी वैश्विक शैक्षिक दृष्टि और सांस्कृतिक कूटनीति में सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है.
सीतामढ़ी, बिहार से ताल्लुक रखने वाले डॉ. हाशमी ने प्रारंभिक शिक्षा देश के विभिन्न मदरसों से प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली से इस्लामिक स्टडीज में बीए और एमए की डिग्रियां हासिल कीं.
साथ ही उन्होंने उर्दू साहित्य में भी मास्टर्स किया है. डॉ. हाशमी ने UGC-NET और JRF जैसी कठिन राष्ट्रीय परीक्षाएं भी कई बार सफलता के साथ उत्तीर्ण की हैं, जिससे उनकी शैक्षणिक क्षमता और समर्पण का पता चलता है.
हाल ही में उन्होंने इंडोनेशिया की इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ सालातिगा से इस्लामिक स्टडीज में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है. उनकी अकादमिक और शोध सेवाएं भारत और विदेशों में अत्यधिक सम्मानित हैं.
उनकी चर्चित पुस्तक "बाबा मजनूं शाह मदारी: स्वतंत्रता संग्राम का एक गुमनाम नायक" भारत सरकार के सहयोग से प्रकाशित हो चुकी है.
यह पुस्तक भारत के स्वतंत्रता संग्राम में धार्मिक नेतृत्व की भूमिका पर प्रकाश डालती है और इतिहास में उपेक्षित नायकों को सामने लाने का एक प्रयास है.
इसके अतिरिक्त उनकी दूसरी पुस्तक "Research Methodology of Islamic Studies" इंडोनेशियाई भाषा में अनूदित होकर वहाँ के विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में लोकप्रियता प्राप्त कर रही है.
उनके अनेक शोध-पत्र भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस और अन्य देशों की प्रतिष्ठित अकादमिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं.
डॉ. हाशमी लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की अकादमिक, सांस्कृतिक और धार्मिक सह-अस्तित्व की परंपरा का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं.
उन्होंने कई देशों में आयोजित शैक्षिक सम्मेलनों, अंतरधार्मिक संवाद कार्यक्रमों और संगोष्ठियों में सक्रिय भूमिका निभाई है.
भारत सरकार द्वारा उन्हें स्वतंत्रता दिवस जैसे गौरवपूर्ण अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाना, न केवल एक व्यक्तिगत सम्मान है, बल्कि यह भारतीय मुस्लिम समाज की शैक्षणिक प्रगति और वैश्विक संवाद में सक्रिय भूमिका की एक स्वीकृति भी है. यह सम्मान देश में धार्मिक समरसता, अकादमिक उत्कृष्टता और अंतरराष्ट्रीय संवाद को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा.
Pre-submission of the PhD Dissertation.
— Syed Anzar Hashmi (@SyedAnzarhashmi) July 5, 2025
الحمدللہ، اللہ تعالیٰ کے فضل و کرم سے میں نے آج اسلامک یونیورسٹی آف سالاتیگا، انڈونیشیا میں اپنے پی ایچ ڈی کے پری سبمیشن مرحلے کو کامیابی کے ساتھ مکمل کر لیا pic.twitter.com/5Yonc8K27y
डॉ. अनज़र हाशमी की यह उपलब्धि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है कि ज्ञान, मेहनत और सकारात्मक सोच के बल पर वैश्विक स्तर पर भारत का नाम रोशन किया जा सकता है.