चीन के नए भूमि सीमा कानून पर भारत ने जताई चिंता

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 27-10-2021
अरिंदम बागची
अरिंदम बागची

 

नई दिल्ली. भारत ने बुधवार को चीन के नए भूमि सीमा कानून पर चिंता व्यक्त की, जिसे बीजिंग ने शनिवार को देश के भूमि सीमा क्षेत्रों की सुरक्षा और शोषण के लिए अपनाया.

चीन के भूमि सीमा कानून पर मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता, अरिंदम बागची ने कहा, ‘चीन का एकतरफा फैसला कानून लाने वाला है, जो सीमा प्रबंधन के साथ-साथ हमारी मौजूदा द्विपक्षीय व्यवस्थाओं पर भी प्रभाव डाल सकता है. सीमा का सवाल हमारे लिए चिंता का विषय है.’

बागची ने कहा, ‘इस नए कानून (चीन का भूमि सीमा कानून) का पारित होना हमारे विचार में 1963के तथाकथित चीन-पाकिस्तान ‘सीमा समझौते’ को कोई वैधता प्रदान नहीं करता है, जिसे भारत सरकार ने लगातार बनाए रखा है, जो अवैध और अमान्य समझौता है.’

नया चीनी कानून 1जनवरी, 2022से प्रभावी होगा. सांसदों ने नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के एक विधायी सत्र की समापन बैठक में कानून को मंजूरी दी.

बागची ने यह भी कहा, ‘भारत को उम्मीद है कि चीन इस कानून के बहाने कार्रवाई करने से बच जाएगा, जो भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में स्थिति को एकतरफा बदल सकता है.’

उन्होंने आगे कहा कि चीन द्वारा उठाए गए एकतरफा कदमों का उन व्यवस्थाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा जो दोनों पक्ष पहले ही पहुंच चुके हैं, चाहे वह सीमा प्रश्न पर हो या भारत-चीन पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति बनाए रखने के लिए हो.