India and South Africa exchange agreements for cooperation in the field of submarines
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारत और दक्षिण अफ्रीका ने जोहानिसबर्ग में हुई एक अहम बैठक में पनडुब्बी सहयोग के क्षेत्र में किये गए दो समझौतों का आदान-प्रदान किया, जो दोनों देशों के द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है. रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
रक्षा मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान के मुताबिक रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने 23 और 24 जून को जोहानिसबर्ग में आयोजित 9वीं संयुक्त रक्षा समिति (जेडीसी) बैठक के लिए दक्षिण अफ्रीका गए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. बयान के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वहां के कार्यवाहक रक्षा सचिव थोबेकिले गामेदे ने किया.
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बैठक के पहले दिन की शुरुआत दोनों सह-अध्यक्षों की टिप्पणियों के साथ हुई, जिसमें एजेंडा निर्धारित किया गया और जेडीसी को रिपोर्ट करने वाली दो उप-समितियों को व्यापक मार्गदर्शन प्रदान किया गया। दोनों उप समितियों ने उन्हें अपने रक्षा उद्योग की क्षमताओं के बारे में जानकारी दी। बयान के मुताबिक रक्षा सचिव सिंह ने दक्षिण अफ्रीका के साथ ऐतिहासिक संबंधों को याद किया तथा द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने रक्षा विनिर्माण और निर्यात में भारत की बढ़ती ताकत को रेखांकित किया तथा दक्षिण अफ्रीका के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ करने की प्रतिबद्धता दोहराई. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक बैठक के दूसरे दिन आपसी हित के क्षेत्रों पर चर्चा की गई तथा भारत-दक्षिण अफ्रीका संबंधों को और मजबूत करने की रूपरेखा तय की गई.
इसमें कहा गया, ‘‘ दोनों पक्षों ने पनडुब्बी सहयोग के क्षेत्र में हाल ही हस्ताक्षरित दो समझौतों का आदान-प्रदान किया. बयान के मुताबिक रक्षा नीति एवं सैन्य सहयोग, रक्षा अधिग्रहण, उत्पादन, अनुसंधान एवं विकास संबंधी दो उप-समितियों ने जेडीसी को अबतक हुए विचार-विमर्श के परिणाम से अवगत कराया. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा विभाग, रक्षा उत्पादन विभाग, सेना और भारतीय उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे. बयान के मुताबिक दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग 1996 से जारी है, जब ‘रक्षा उपकरण के क्षेत्र में सहयोग’ पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे. वर्ष 2000 में एक समझौता ज्ञापन द्वारा इसका उन्नयन किया गया.