ब्रिटेन में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन के दौरान ग्रेटा थुनबर्ग गिरफ्तार

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 24-12-2025
Greta Thunberg arrested during pro-Palestine protest in Britain.
Greta Thunberg arrested during pro-Palestine protest in Britain.

 

न्यूयॉर्क/लंदन

स्वीडन की जानी-मानी पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग को ब्रिटेन में फिलिस्तीन के समर्थन में हुए एक प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब वह फिलिस्तीन समर्थक संगठन फिलिस्तीन एक्शन के समर्थन में आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल थीं।

मंगलवार, 23 दिसंबर को मध्य लंदन में एस्पेन इंश्योरेंस कार्यालय के बाहर यह प्रदर्शन किया गया था। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि संबंधित कंपनियां इज़राइल से जुड़े सैन्य और बीमा ढांचों को समर्थन देती हैं। इसी विरोध के दौरान ग्रेटा थुनबर्ग को एक तख्ती पकड़े हुए देखा गया, जिस पर लिखा था— “मैं फिलिस्तीन एक्शन के कैदियों का समर्थन करती हूं और नरसंहार का विरोध करती हूं।”

लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने आधिकारिक बयान में ग्रेटा का नाम लिए बिना कहा कि 22 वर्षीय एक महिला को प्रतिबंधित संगठन से संबंधित पोस्टर या सामग्री प्रदर्शित करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। पुलिस के अनुसार, यह कार्रवाई ब्रिटेन में लागू कड़े सार्वजनिक व्यवस्था कानूनों के तहत की गई है।

गौरतलब है कि ब्रिटेन सरकार ने जुलाई 2024 में फिलिस्तीन एक्शन को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था। इसके बाद से इस समूह के समर्थन या उससे जुड़े प्रतीकों के प्रदर्शन को कानूनन अपराध की श्रेणी में रखा गया है। बीते डेढ़ साल में इस कानून के तहत सैकड़ों फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

ग्रेटा थुनबर्ग, जो अब तक जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक आंदोलन का चेहरा रही हैं, हाल के महीनों में गाज़ा और फिलिस्तीन मुद्दे पर भी मुखर रही हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद मानवाधिकार संगठनों और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। समर्थकों का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है, जबकि ब्रिटिश प्रशासन का तर्क है कि कानून व्यवस्था बनाए रखना उसकी प्राथमिक जिम्मेदारी है।

फिलहाल पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि ग्रेटा थुनबर्ग को कब तक हिरासत में रखा जाएगा या उनके खिलाफ औपचारिक आरोप तय किए गए हैं या नहीं। उनकी गिरफ्तारी ने एक बार फिर ब्रिटेन में फिलिस्तीन मुद्दे, विरोध प्रदर्शनों और अभिव्यक्ति की आज़ादी को लेकर बहस तेज कर दी है।